गोवंश का करें पालन, 30 रुपये प्रति पशु की दर से होगा भुगतान, चार गोवंश का पालन कर सकते हैं किसान
डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि निराश्रित बेसहारा गोवंश के इच्छुक पशुपालकों अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किए जाने के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की गई है।
बदायूं, जेएनएन : डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि निराश्रित, बेसहारा गोवंश के इच्छुक, पशुपालकों अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किए जाने के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की गई है। इसमें कोई भी किसान या पशुपालक गोवंश को सुपुर्दगी में ले सकता है उसे 30 रुपये प्रतिदिन प्रति गोवंश के हिसाब से भुगतान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना में निराश्रित, बेसहारा गोवंश के संरक्षण, भरण पोषण के लिए सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से इच्छुक कृषकों, पशुपालकों, अन्य व्यक्तियों को चिह्नित गोवंशीय पशुओं को प्रशासन के माध्यम से सुपुर्दगी में दिया जाएगा। इच्छुक पशु पालकों को अधिकतम 4 गोवंश, गोवंश आश्रय स्थल के माध्यम से सुपुर्दगी में देकर 30 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन की दर से 900 रुपये प्रति माह, अधिकतम 3600 रुपये की धनराशि पशुपालक के खाते में डीबीटी की प्रक्रिया के तहत भेजी जाएगी। इच्छुक कृषकों, पशुपालकों का चयन ब्लॉक स्तरीय समिति की संस्तुति के क्रम में जनपद स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद किया जाएगा। आवश्यक है कि इच्छुक कृषक, पशुपालक उस ब्लॉक का मूल निवासी हो और वहीं पर रहता हो, पशुओं का पालन पोषण पूर्व से कर रहा हो, दुग्ध समिति से जुडे कृषक, पशुपालक, पैरावेट, पशुमित्र को प्राथमिकता दी जाएगी। बैंक में उसका खाता, आधारकार्ड एवं गोवंश रखने के लिए पर्याप्त साधन होना चाहिए। जनपद को संरक्षित 6343 गोवंश के सापेक्ष 2309 गोवंश सुपुर्दगी में दिये जाने का लक्ष्य शासन से प्राप्त हुआ। सुपुर्दगी में दिए गोवंश का तीन माह पर डीएम एवं मुख्य पुश चिकित्साधिकारी सत्यापन करेंगे। गोवंश को किसी भी दशा में विक्रय, स्थानापन्न अथवा छुट्टा नहीं छोड़ा जाएगा। देखरखे की जिम्मेदारी लेखपाल, पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं पशुधन प्रसार अधिकारी की होगी।