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Badaun में चूहे को मारने वाले पर FIR, मनोज बोला- मुर्गा काटने वालों पर क्यों नहीं लिख जाती प्राथमिकी

Badaun Crime News बदायूं में चूहे को डुबो-डुबो कर बेरहमी से मारने वाले मनोज ने एफआईआर दर्ज होने के बाद सवाल उठाया हैं।मनोज का कहना है कि मुर्गा काटने वालों पर प्राथमिकी क्यों नहीं लिखी जाती।पशु प्रेमी उन पर क्यों नहीं एफआइआर लिखाते।

By Jagran NewsEdited By: Ravi MishraPublished: Wed, 30 Nov 2022 01:18 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 01:18 PM (IST)
Badaun में चूहे को मारने वाले पर FIR, मनोज बोला- मुर्गा काटने वालों पर क्यों नहीं लिख जाती प्राथमिकी
Badaun में चूहे को मारने वाले पर FIR, मनोज बोला- मुर्गा काटने वालों पर क्यों नहीं लिख जाती प्राथमिकी

बदायूं, जागरण संवाददाता। Badaun Crime News : शहर के पनवड़िया मुहल्ले में रहने वाले मनोज हाल ही में एक चूहे को मारकर बुरे फंस गए। उनके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज हो गई और शांति भंग में चालान भी हो गया। देश विदेश में सुर्खियां बटोरने वाली इस खबर के केंद्र मनोज ने अब एक सवाल किया है। उनका कहना है कि जब चूहे को मारने पर कार्रवाई हो सकती है, तो मुर्गे, बकरे आदि को काटने वालों पर केस क्यों दर्ज नहीं किया जाता।

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उन्होंने कहा कि चूहों से उन्हें कितना नुकसान हुआ यह वही जानते हैं, लेकिन मुर्गा बकरा तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे, फिर उन्हें क्यों काटा जा रहा है। पशु प्रेमी को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए, उन्हें इन पशुओं की भी हत्या बंद करानी चाहिए। पनवड़िया मुहल्ले में मनोज का घर उसी नाले के पास है, जिस नाले में उन्होंने चूहे को डुबो कर मार दिया था।

मनाेज ने कहा नाले के पास घर होने के चलते चूहे उनके और आसपास के घरों में घुसे ही रहते हैं। पूरे मुहल्ले के लोग चूहा पकड़ कर लाते हैं और नाले के पास छोड़ जाते हैं। किसी से मना करो तो विवाद खड़ा हो जाता है। बताते हैं कि वह अपने माता पिता, पत्नी और तीन बेटियों के साथ रहते हैं। मिट्टी के बर्तन का काम करते हैं।

जरा सा ध्यान भटक जाए तो चूहे उनके बनाए हुए मिट्टी के बर्तन तोड़ जाते हैं। बताते हैं कि एक बार बनाया हुआ बर्तन जरा सा सूख जाए तो वह मिट्टी किसी काम नहीं आती।

उन्होंने चूहाें से जुड़ी एक दर्द भरी कहानी भी बयां की। बताया कि उनकी सबसे छोटी बेटी जब गोद में थी। उस समय एक चूहा उसके हाथ की खाल नोंच ले गया था। बेटी बोल भी नहीं पाती थी, जब वह रोई तब वह लोग पहुंचे तो चूहा भाग गया। उस समय उसके इलाज में काफी रुपये खर्च हुआ था। उस समय तो कोई पशु प्रेमी नहीं आया था। उन्होंने पशु प्रेमी विकेंद्र को लेकर कहाकि वह सच्चे पशु प्रेमी हैं तो देश भर में कट रहे मुर्गे, बकरों को बचाएं। बोले- मैं अपने किए पर माफी मांग रहा हूं।


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