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मिलावट के 16 मामलों में 47.25 लाख जुर्माना

जेएनएन बदायूं मिलावटी खाद्य वस्तुओं के मामले में सुनवाई के बाद एडीएम प्रशासन ऋतु पुनिया ने मिलावट के 16 मामलों में 47 लाख 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इसमें सरसो का तेल खोवा पनीर और दूध में मिलावट के मामले शामिल हैं। इसके अलावा बिना लाइसेंस के कैंटीन चला रहे दो स्कूल संचालकों पर भी अर्थदंड की कार्रवाई की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 12:24 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 06:08 AM (IST)
मिलावट के 16 मामलों में 47.25 लाख जुर्माना
मिलावट के 16 मामलों में 47.25 लाख जुर्माना

जेएनएन, बदायूं : मिलावटी खाद्य वस्तुओं के मामले में सुनवाई के बाद एडीएम प्रशासन ऋतु पुनिया ने मिलावट के 16 मामलों में 47 लाख 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इसमें सरसो का तेल, खोवा, पनीर और दूध में मिलावट के मामले शामिल हैं। इसके अलावा बिना लाइसेंस के कैंटीन चला रहे दो स्कूल संचालकों पर भी अर्थदंड की कार्रवाई की है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2016 सरसो का तेल, पनीर, नमकीन, दूध, कोल्ड ड्रिक का नमूना लेकर प्रयोगशाला भेजा था। जांच रिपोर्ट में किसी में मिलावट तो किसी में मानक के अनुरूप खाद्य सामग्री नहीं मिली थी। एडीएम प्रशासन की अदालत में चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उन्होंने जुर्माना लगाया है। टिकटगंज के मुकेश का सरसो के तेल मामले में 50 हजार, गंगपुर वीरेंद्र के खावा मामले में 50 हजार, फैजगंज बेहटा के पवन कुमार गुप्ता पर रसगुल्ला मामले में 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अनाज मंडी भसीन किराना स्टोर स्वामी पर चाय पत्ती के मामले में 50 हजार, कादरचौक के दिनेश चंद्र गुप्ता और बिल्सी के जय गोपाल सरसो के तेल मामले में 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी तरह दूध में मिलावट पर पस्तौर निवासी देवेंद्र पर 50 हजार जबकि जनपद बलिया के विशुनपुरा निवासी संजय कुमार पाठक पर पांच लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। कोल्ड ड्रिक मानक के अनुरूप न मिलने पर दो पर 50-50 हजार जबकि एक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। फ्लोरेंस नाइटेंगिल स्कूल, आरके पब्लिक स्कूल मुजरिया में बिना पंजीकरण के कैंटीन चलाने पर इनके प्रबंधकों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा सालारपुर के पप्पू पर बिना पंजीकरण कैंटीन संचालन पर भी ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जिला अभिहीत अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि 2016 में छापामारी की गई थी। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बाद एडीएम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है, जिसमें दंडात्मक कार्रवाई की गई है।

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