बुखार ने दो किशोरी समेत आठ को निगला
जानलेवा बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब आठ और लोगों को बुखार निगल गया।
बदायूं : जानलेवा बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तीन दर्जन से अधिक टीमें इसके रोकथाम के लिए जिलेभर में दौड़ रही हैं लेकिन बुखार काबू में नहीं आ रहा है। अब बुखार ने मंगलवार रात से बुधवार शाम दो किशोरी समेत आठ और को लील लिया। इनमें तीन उझानी ब्लाक क्षेत्र के तो एक-एक मृतक जगत व सलारपुर ब्लाक के रहने वाले थे। वहीं इन गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य महकमे की टीमें उनके गांवों में नहीं पहुंची हैं। सैकड़ों लोग बुखार से कराह रहे हैं।
संसू, उझानी : ब्लाक क्षेत्र के गांव गंगोरा निवासी दिलशाद की 11 साल की बेटी कुमारी मेहर को तीन दिन से बुखार आ रहा था। बुधवार को उसकी हालत बिगड़ी। इससे पहले कि परिजन उसे डॉक्टर के यहां ले जाते, मेहर की मौत हो गई। गांव पतौरा के 55 वर्षीय विजय ¨सह की भी बुखार के कारण बुधवार दोपहर मौत हुई है। वहीं इसी गांव के 38 वर्षीय देवी ¨सह की मंगलवार देर रात मौत हुई है।
सिलहरी क्षेत्र के ब्लाक सलारपुर इलाके के घटपुरी गांव निवासी मुनेंद्र की 15 साल की बेटी सोनम को दो दिन से बुखार आ रहा था। एक निजी डॉक्टर से फायदा न मिलने पर परिवार वाले उसे बुधवार सुबह किसी अन्य डॉक्टर के यहां ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। इसके अलावा जगत ब्लाक के गांव गुलड़िया निवासी आदेश की मंगलवार रात मौत हुई है। आदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे मुंशी हेतराम ¨सह का नाती था। संसू, कुंवरगांव : थाना क्षेत्र के दुगरइया निवासी 50 वर्षीय किशन पाल को कई दिनों से बुखार आ रहा था। मंगलवार रात उनकी मौत हो गई।
संसू, मूसाझाग : ब्लॉक क्षेत्र समरेर के गांव तिगुलापुर में लली 32 वर्ष पत्नी रामवीर को मंगलवार रात में तेज बुखार आया था। परिवार वाले पापड़ में इलाज करा रहे थे इलाज के दौरान बुधवार सुबह में मौत हो गई। इसी गांव निवासी ओमपाल के छह माह के पुत्र दिव्यांश की बुखार के चलते मौत हो गई।
जिला अस्पताल के हालात और भी खराब
जिला अस्पताल में अभी भी ओपीडी समेत इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की पूरे दिन लंबी कतार लगी रहती हैं। ओपीडी में रोज 11 से 13 सौ मरीज बुखार के पीड़ित आ रहे हैं। जबकि इमरजेंसी में भी दोपहर बाद मरीजों का तांता लगा रहता है। बेड फुल हैं और बेचों पर मरीजों का इलाज चल रहा है। तीमारदार जमीन पर बैठकर रातें गुजार रहे हैं।