खाद घोटाले की अब नए सिरे से जांच
जिले में तीन करोड़ रुपये की खाद के घोटाले का मुकदमा दर्ज होने के बाद सोमवार को एसआइटी की बैठक ली।
बदायूं : जिले में तीन करोड़ रुपये की खाद के घोटाले का मुकदमा दर्ज होने के बाद सोमवार को एसपी सिटी जितेंद्र श्रीवास्तव ने एसआइटी की बैठक लेकर अभी तक की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी जुटाई। वहीं अपने स्तर से जांच के ¨बदु भी एसआइटी को दिए हैं। ताकि असली दोषी जल्द सामने आ सकें और खाद भी बरामद की जा सके। इधर, यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इतने बड़े घोटाले की विवेचना जल्द ही किसी अन्य एजेंसी को ट्रांसफर की जा सकती है।
शहर के पीसीएफ गोदाम में पहुंची 3102 मीट्रिक टन खाद की रैक गुम हो चुकी है। डीएम के निर्देशन में गठित टीम ने इस घोटाले का खुलासा किया तो शासनस्तर तक मामले की गूंज गई। आनन-फानन में गोदाम प्रभारी समेत इफ्को के तत्कालीन अधिकारी और लो¨डग-अनलो¨डग करने वाले ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा कायम कर दिया गया। मामले में कई सफेदपोशों के शामिल होने की आशंका के चलते एसएसपी अशोक कुमार ने एसआईटी गठित करके पूरे प्रकरण की बारीकी से छानबीन करने का निर्देश दिया। एसआइटी में इंस्पेक्टर सिविल लाइंस अनिल सिरोही, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच मनीराम के अलावा एसएसआइ अर¨वद ¨सह आदि शामिल हैं। एसपी सिटी ने एसआईटी की बैठक लेकर उन्हें कुछ अहम ¨बदुओं पर मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। ताकि विवेचना पूरी होने में कम से कम वक्त लगे और जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलाई जा सके। यहां तक पहुंची एसआइटी
एसआइटी ने मामले की जांच शुरू करते हुए मुकदमा दर्ज होने के बाद जहां पीसीएफ से खाद से जुड़े दस्तावेज जुटा लिए। वहीं यह भी पता लगा कि रैक को छोटे वाहनों में लादकर ठिकाने लगाया गया था। जिस व्यक्ति ने लो¨डग-अनलो¨डग कराई थी। उसके पास कोई लिखित निर्देश ही नहीं था। बिना चालान के यह प्रक्रिया अमल में ला दी गई। एसआईटी ने अभी तक पीसीएफ के जिला प्रबंधक समेत ठेकेदार और चौकीदारों का बयान दर्ज करने समेत इफ्को से डिलीवरी की प्रक्रिया भी शुरू की है। दूसरी एजेंसी से भी विवेचना कराए जाने की चर्चा
तीन करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की विवेचना फिलहाल थानास्तर से चल रही है। चूंकि थाने पर तैनात पुलिसकर्मी वीआईपी ड्यूटी, कानून व्यवस्था और रात्रिगश्त आदि में भी व्यस्त रहते हैं। ऐसे में अंदरखाने इस विवेचना को किसी अन्य जांच एजेंसी द्वारा कराने की भी अटकलें हैं। इसके लिए क्राइमब्रांच या आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा में भी यह मामला जा सकता है। वर्जन
एसआइटी की बैठक लेकर जरूरी बिंदुओं पर जांच के लिए निर्देश दिया गया है। रही बात विवेचना की तो फिलहाल थानास्तर से ही कराई जा रही है। जरूरी लगने पर अधिकारियों का निर्देश के बाद ही यह विवेचना कहीं और भेजी जाएगी लेकिन इससे पहले घटनाक्रम से जुड़े सारे साक्ष्य एकत्र कराए जा रहे हैं।
- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी