सस्ती होने की घोषणा पर किया गया था खाद घोटाला!
जिले के पीसीएफ गोदाम से हुए तीन करोड़ रुपये के खाद घोटाले की एक नई वजह निकलकर आई है।
बदायूं : जिले के पीसीएफ गोदाम से हुए तीन करोड़ रुपये के खाद घोटाले की एक नई वजह निकलकर आई है। वजह है कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने खाद के दाम कम करने का वादा किसानों से किया था। ऐसे में पीसीएफ गोदाम से तीन करोड़ रुपये की खाद माफिया तक पहुंचा दी गई। घोटालेबाजों को उम्मीद थी कि खाद के दाम गिरने पर उसका पैसा सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाएगा। इससे भारी मुनाफा हो रहा था। जबकि उससे पहले ही यह घोटाला खुल गया। ऐसे में अब असली दोषियों तक पहुंचने के लिए गोदाम प्रभारी पर निगाह टिकी हुई है। जिले में 3102 मीट्रिक टन खाद का घोटाला खुलने के बाद गोदाम प्रभारी का कोई पता नहीं लग रहा है। इधर, जिला प्रबंधक एके शर्मा के मुताबिक गोदाम प्रभारी से कई बार स्टाक का सत्यापन कराने के लिए कहा था लेकिन वह लगातार टालमटोल कर रहा था। आखिरी चेतावनी देने पर मुआयना कराया तो स्टाक कम निकला। इसके बाद ही मामले की तहरीर पुलिस को दी गई। एक वजह यह भी बताई जा रही है कि मुख्यमंत्री ने खाद की प्रति बोरी पर 30 से 40 रुपये कम करने का वादा किसानों से किया था। गोदाम प्रभारी को यह उम्मीद थी कि दाम घटने के बाद वह रकम जमा करेगा तो भी लाखों का फायदा हो जाएगा लेकिन इससे पहले ही पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया। जबकि खाद के दाम तीन दिन पहले कम हुए हैं। घटनाक्रम से जुड़े सारे दस्तावेज पुलिस को मिल चुके हैं।
समितियों पर पहुंची 8700 बोरी यूरिया
शुक्रवार को पीसीएफ पर 87 सौ बोरी खाद पहुंची है। इसमें 63 सौ बोरियां समितियों को भेजी गईं। जबकि बाकी के 24 सौ बोरियां इफ्को केंद्रों को दी गई है। 11 समितियों में दातागंज को 635, न्यौली हरनाथपुर को 650, वनकोटा को 635, वनगढ़ को 600, बिल्सी को 650, बेलाडांडी को 650, रसूलपुर बेला को 400, इस्लामनगर को 400, सिठौली को 520, निजामाबाद को 530 और ¨पडोल को 650 कट्टे दिए गए हैं। जबकि छह हजार कट्टे खाद शनिवार को भी यहां पहुंच जाएगी। ऐसे में अब खाद के लिए मारामारी खत्म हो जाएगी।
इफको केंद्र पर हुआ हंगामा फोटो - 18 बीडीएन - 63 मंडी समिति के पास स्थित इफको केंद्र पर शुक्रवार को खाद को लेकर जमकर हंगामा हुआ। किसान सुबह से ही लाइन में लगकर खाद पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। जबकि खाद आने के बाद वितरण काफी धीमी गति से हो रहा था। किसानों का आरोप था कि कुछ अपने खास लोगों के लिए खाद बिना नंबर के दी जा रही है, जबकि बाकी के लाइन में लगे लोगों को खाद देने में आनाकानी की जा रही थी। पुलिस भी मौके पर पहुंची और लोगों को समझाकर शांत किया। इसके बाद पुलिस की निगरानी में वितरण हुआ।
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