मानकविहीन 50 हजार गोली खिला दी, अब लगाई रोक
कुछ दिन पहले जिले में मलेरिया बेकाबू था। इस पर लगाम नहीं लग पा रही थी। अब पता चला है कि मरीजों को जो दवा दी जा रही थी वह ही किसी काम की नहीं थी। सरकारी प्रयोगशाला की जांच में मलेरिया के रोकथाम के लिए दी जाने वाली दवा क्लोरोक्वीन फेल हो गई है। पचास हजार गोलियां वितरित करने के बाद शासन ने अब इस पर रोक लगा दी है।
जागरण संवाददाता, बदायूं : कुछ दिन पहले जिले में मलेरिया बेकाबू था। इस पर लगाम नहीं लग पा रही थी। अब पता चला है कि मरीजों को जो दवा दी जा रही थी, वह ही किसी काम की नहीं थी। सरकारी प्रयोगशाला की जांच में मलेरिया के रोकथाम के लिए दी जाने वाली दवा क्लोरोक्वीन फेल हो गई है। पचास हजार गोलियां वितरित करने के बाद शासन ने अब इस पर रोक लगा दी है।
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन (यूपीएमएससी) की ओर से पिछले दिनों जिला अस्पताल को कई किस्तों में तकरीबन क्लोरोक्वीन की तकरीबन 90 हजार गोलियां जिले को मिली थीं। संक्रामक बीमारियों के दिनों में हजारों लोग मलेरिया की चपेट में आए तो मरीजों को लगातार वितरण भी किया गया। वहीं सीएचसी समेत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने भी यह दवा गांव-गांव पहुंचकर लोगों को बांटी। उसी दौरान ड्रग विभाग ने इस दवा का नमूना लेकर जांच को भेजा था। पिछले सप्ताह आई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ कि दवा का मानक पूरा नहीं है। ऐसे में इसे अब मरीजों को न बांटा जाए। अकेले जिला अस्पताल से ही 50 हजार गोलियां वितरित हो चुकी हैं। जबकि देहात की टीमों समेत सीएचसी से भी यह गोलियां सीएमओ की मद से आई और बांटी गई थीं। मौजूदा वक्त में तकरीबन 40 हजार टेबलेट बची हैं, जिन्हें अलग कर दिया गया है।
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लोग मरते रहे, सरकारी आंकड़ों में कोई नहीं मरा
-जिले में इस बार भी संक्रामक बीमारियों के मौसम में मलेरिया ने जमकर कहर बरपाया। नवंबर तक यहां मलेरिया के 18 हजार 73 मरीज मिले। जबकि फेल्सीपेरम मलेरिया के 2022 मरीज मिले। इसके अलावा बुखार से भी हजारों लोग ग्रसित रहे थे। माना जा रहा है कि गैर मानक की दवा के कारण ही मरीजों को फायदा नहीं हुआ और बीमारी पांव पसारती गई। वैसे तो यहां दो सौ से अधिक लोगों की मौत भी हुई लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में एक भी मौत बुखार या मलेरिया से होने की पुष्टि नहीं है।
वर्जन--------- फिलहाल यह प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा आदेश मिला होगा तो वो सीएमएस के पास आया होगा। गैर मानक की दवा का वितरण बंद करा दिया जाएगा।
- डॉ. यशपाल सिंह, सीएमओ दवा का सैंपल फेल हुआ है। वितरण पर रोक लगा दी गई है। दवा वापसी की प्रक्रिया भी जल्द अमल में लाई जाएगी।
- डॉ. बीबी पुष्कर, सीएमएस जिला अस्पताल