घर में पधारों गजानन जी. मेरे घर में
बदायूं : आज गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसको लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई
बदायूं : आज गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसको लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। कई सामाजिक संगठनों ने भी मंदिरों की भव्य सजावट की गई है। इस त्योहार पर गणेश भगवान का अभिषेक कर उनकी प्रतिमा को सुंदर आभूषणों व परिधानो से सजाया जाता है। इस दौरान शहर में कई प्रमुख जगहों पर जागरण भी आयोजित किए जाएंगे।
श्री गणेश सेवा मंडल के कोषाध्यक्ष चरनजीत मलिक ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर ब्राह्मण धर्मशाला से भोलाधाम तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। वहीं 31 अगस्त को विधिवध रुप से बप्पा की पूर्जा अर्चना कर प्रतिमा का विसर्जन भोलाधाम बाजार से होते हुए कछला घाट में किया जाएगा। उन्होने बताया कि गणेश भगवान की वंदना करने से घर में सुख-शांति का वाश होता है। सभी भगवान में गणेश भगवान को ही प्रथम पूज्य माना गया है। कहा कि हर बार की तरह इस बार भी बप्पा का भव्य स्वागत किया जाएगा, जिसको लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
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मंदिरों में भी उमड़ती है भीड़
शहर के प्रमुख मंदिरों में भी गणेश चतुर्थी के दिन भक्तों को सैलाब उमड़ता है। सुबह से ही मंदिरों की साफ-सफाई कर भगवान गणेश की प्रतिमा का श्रंगार किया जाता है। भोर से ही मंदिरों में भक्त भगवान के दर्शन को उमड़ने लगते हैं।
आज निकाली जाएगी गणेश शोभायात्रा
उझानी: श्री गणेश सेवा मंडल की ओर से 25 अगस्त को गणेश चतुदर्शी के उपलक्ष्य में प्रात: नौ बजे नगर में गणेश शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा ओम प्रकाश सचदेवा पाली बाबू के नेतृत्व में पंजाबी कालोनी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर से बैंडबाजों के साथ नगर के मुख्य मार्गों से निकाली जाएगी। जिसमें दूर-दराज से आने वाले झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह जानकारी पूर्व सभासद ओम प्रकाश सचदेवा ने दी।
जैन मंदिरों में दस लक्षण पर्युषण पर्व कल
बिल्सी : नगर के मुहल्ला दो और सहाबगंज मुहल्ला आठ में स्थित जैन मंदिरों में 26 अगस्त से दस लक्षण पर्युषण पर्व का शुभारंभ होगा। जिसके पहले दिन यहां उत्तम क्षमा के रूप में जैन समुदाय की ओर से यह पर्व मनाया जाएगा। जलाभिषेक के साथ शांतिधारा एवं मंत्र का जाप किया जाएगा। शाम को सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम के तहत भजन प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, मंत्र सुनाओ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। यह जानकारी जैन समाज के प्रशांत जैन ने दी है।