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देहात में अब हर मवेशी के मालिक की रजिस्टर्ड पहचान

जिले के अब हर गांव में पशुओं की गणना कर उनकी टैगिंग का काम किया जा रहा है। पशु मालिकों को पशु स्वामित्य का प्रमाण पत्र भी निश्शुल्क दिया जा रहा है। इससे मवेशी चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। इसके साथ ही गांव में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत भी खत्म होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 12:05 AM (IST)
देहात में अब हर मवेशी के मालिक की रजिस्टर्ड पहचान
देहात में अब हर मवेशी के मालिक की रजिस्टर्ड पहचान

जेएनएन, बदायूं : जिले के अब हर गांव में पशुओं की गणना कर उनकी टैगिंग का काम किया जा रहा है। पशु मालिकों को पशु स्वामित्य का प्रमाण पत्र भी निश्शुल्क दिया जा रहा है। इससे मवेशी चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। इसके साथ ही गांव में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत भी खत्म होगी। यदि कोई अन्य किसी के मवेशी को बांध लेगा, तो उसके स्वामी को पुलिस से लेकर सभी पंचायत में उसको पाने का अधिकार होगा।

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पशुधन विभाग के अफसरों ने गांवों में पालतू और दुधारू पशुओं को उनकी पहचान दिलाने की मुहिम शुरू की है। इसके लिए हर न्याय पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। टीम गांवों में घर-घर जाकर पशुओं को टैग भी लगाए जा रहे हैं। इससे यदि पशु कभी चोरी हो जाए या फिर किसी अन्य के चला जाए तो उसको उसके स्वामी तक पहुंचाया जा सके। पशु स्वामियों को दिए जा रहे स्वामित्य कार्ड पर कितने पशु और किस प्रजाति के आदि का पूरा विवरण दर्ज होगा। भविष्य में पशु की बिक्री करने पर खरीदार के कार्ड में इसका डेटा दर्ज किया जाएगा। वहीं, पूर्व स्वामी के कार्ड से उस पशु का डेटा संशोधित किया जाएगा। इंसेट ..

अब तक 1.27 लाख पशुओं की हो चुकी है टैगिग

जिले में अब तक 1038 ग्राम पंचायतों में 1.27 लाख पशुओं की टैगिग हो चुकी है। इनकी गणना का रिकार्ड पशुधन विभाग को भेजा जा चुका है। वर्जन ..

मवेशियों के चोरी होने की घटनाओं को रोकने को विभाग ने यह योजना चलाई है। पशुओं की टैगिग का कार्य चल रहा है। अब उनके स्वामियों को स्वामित्य कार्ड सौंपे जाएंगे। जिस पर पशुओं के बारे में पूरा डाटा दर्ज होगा।

- डॉ. एके जादौन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी


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