जिला ओडीएफ फिर भी 24 हजार कर रहे खुले में शौच
सरकार की नजरों में नंबर बढ़ाने के लिए जिम्मेदारों ने जिले को ओडीएफ घोषित करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी। 24 हजार गरीब परिवार एलओबी की दूसरी सूची में इज्जतघर से वंचित मिले हैं जो आज भी कर रहे खुले में शौच।
फोटो 15 बीडीएन- 16 - जिला ओडीएफ घोषित होने की पहले ही शासन को भेज चुके हैं रिपोर्ट
- एलओबी सर्वे की दूसरी सूची में शौचालय विहीन परिवार मिलने पर उठे सवाल
जागरण संवाददाता, बदायूं : सरकार की नजरों में नंबर बढ़ाने के लिए जिम्मेदारों ने जिले को ओडीएफ घोषित करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी। 24 हजार गरीब परिवार एलओबी की दूसरी सूची में इज्जतघर से वंचित मिले हैं, जो आज भी कर रहे खुले में शौच। जिससे प्रशासन की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले को ओडीएफ कराने के लिए वर्ष 2014 से कवायद शुरू हुई। जिस पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च हुआ। शौचालय निर्माण की धनराशि सीधे ग्राम निधि के खाते में भेजी। प्रधान और सचिव पर गोलमाल के आरोप लगे। लाभार्थियों तक रकम नहीं पहुंची तो योजना में बदलाव किया। धनराशि सीधे पर लाभार्थियों के खाते में भेजी गई। बेसलाइन की सूची के आधार पर बाद में एलओबी के तहत सत्यापन हुआ। इस एलओबी सूची में 64 हजार परिवार शौचालय विहीन मिले। फिर दोबारा सर्वे में 24 हजार परिवार शौचालय से वंचित मिले। इन परिवारों के यहां शौचालय निर्माण नहीं हो पाया तब तक प्रशासन ने नौ सतंबर को जिले को खुले में शौच मुक्त बताते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी। अधूरे निर्माण पर ही भेज दी थी रिपोर्ट
जिला प्रशासन ने 14 नवंबर 2018 को शासन को शत प्रतिशत ओडीएफ की रिपोर्ट भेजी थी। उस वक्त एलओबी प्रथम सूची के भी शौचालय नहीं बन पाए थे। उनको किश्त तक सही से जारी नहीं हुई तो शासन ने भी इस दावे पर आपत्ति लगाई थी। अब फिर से यह रिपोर्ट भेजी गई है। फैक्ट फाइल
- जिले में कुल राजस्व गांव : 1474
- जिले में कुल ग्राम पंचायतें : 1038
- बेसलाइन सूची के आधार पर बनवाए गए शौचालय : 2.72 लाख
- एलओबी प्रथम सर्वे के आधार पर पात्रों की संख्या : 64 हजार
- एलओबी सेकेंड सर्वे के आधार पर पात्रों की संख्या : 24 हजार