बदायूं शहर में घुसते ही गंदगी कर रही बेलकम
चार हाईवे से घिरे बदायूं शहर में जो भी बाहरी व्यक्ति आएगा, उसका गंदगी बेलकम कर रही है।
बदायूं : चार हाईवे से घिरे बदायूं शहर में जो भी बाहरी व्यक्ति आएगा, उसका गंदगी बेलकम कर रही है, क्योंकि, शहर की सीमा में जहां से घुसेंगे, उन्हीं प्वाइंटों पर हाईवे किनारे नगर पालिका परिषद ने डलावघर बनवा दिए हैं। इससे शहर आने वाले लोगों को गंदगी से जूझना पड़ेगा। कोई स्थाई डलावघर न होने की वजह से पालिका हाईवे किनारे कूड़ा फिकवा रही है। इससे दुर्गध भी उठती है और गंदगी की वजह से संक्रामक रोगों के फैलने का भी आशंका ज्यादा बनी है।
शहर में सुबह-शाम का कचरा जमा करने के लिए नगर पालिका के रिकार्ड में 36 पड़ावघर हैं। ताकि उस स्थान से कचरे को उठाकर पालिका की टीम शहर के बाहर डलावघर तक ले जाएं। इससे गंदगी नहीं फैले इस मंशा के साथ उन पड़ावघर के पास कूड़ेदान भी लगाए गए थे। मगर, पड़ावघर से लेकर कूड़ेदान सभी कागजों में ही मौजूद हैं, धरातल पर न तो कोई पड़ावघर बचा है और न ही वहां पर कूड़ेदान हैं। पड़ावघर पर कब्जे हो गए और कूड़ेदान का भुगतान भी फर्जी तरीके से निकाल लिया गया। आदत में शुमार होने की वजह से लोग उन्हीं स्थानों के आसपास जो कचरा डालते हैं उसको पालिका कर्मी उठाकर शहर के बाहर बरेली-आगरा राजमार्ग हो या फिर मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे उन्हीं के किनारे कचरे को डाल देते हैं। इस वजह से वहां पर लंबे समय से समस्या बनी हुई है। डलावघर की जमीन तक नहीं ले जाते कचरा
शहर से सटे गांव रसूलपुर में डलावघर के लिए पालिका प्रशासन ने जमीन खरीदी है। वहां पर डलावघर भी बना दिया गया है, लेकिन शहर से कुछ दूरी ज्यादा होने की वजह से उस जमीन तक पालिका कर्मचारी कचरा नहीं ले जाते हैं। तेल के खेल के चलते उनकी जहां भी मर्जी होती है वहीं पर कचरे की ट्रालियां डाल देते हैं।
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