इलेक्शन एक्सप्रेस : स्वाभिमान से भी बड़ा देश, इससे समझौता नहीं
ट्रेनों में भी यात्रियों के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर खूब चर्चा चल रही है।
बदायूं : कासगंज से टनकपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन का दूसरी ट्रेन से क्रॉसिग हुआ। बदायूं रेलवे स्टेशन पर कुछ देर के लिए ट्रेन रुकी तो उसमें चुनावी मूड भांपने के लिए अखबारनवीस जा पहुंचे। दो समुदायों को लेकर आपसी बातचीत चल रही थी तभी एक अधेड़ नरेश चौधरी जो बदायूं से बरेली होते हुए इलाहाबाद जाने के लिए ट्रेन में सवार हुए थे। सांप्रदायिक बातों से इतर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देखिए हम आप ही पागल है। राजनीतिक पार्टियां जिधर चाहे हमें आपको घुमा देती हैं। हमे समझदार बनना होगा। बदायूं के ही दास कॉलेज से स्टडी कर रहे राघव गुप्ता ने भी चुनावी चर्चा में शामिल होते हुए कहा कि कौम, समाज और क्षेत्र व शहर तो एक सीमित दायरे में हैं। हमें चाहिए कि हम इन सबसे ऊपर उठ कर सोचे। ट्रेन में ही सवार एमके मिश्रा बिनावर तक जा रहे थे बिल्कुल सही बात कही लल्ला। पर समाज और जात पात में तो राजनीतिक दलों से हमै सबकौ बांट दओ । राघव ने फिर बात को आगे बढ़ाया कि नहीं दादा हमारे आपके सभी के स्वाभिमान से बड़ा तो देश होता है। जहां देश की बात आती है तो सभी मुद्दे छोटे हो जाते हैं। आसन्न लोक सभा चुनाव 2019 का जिक्र करते हुए टनकपुर में मां पूर्णागिरि दरबार जा रहे विपिन कुमार भी कुछ झिझकते हुए चर्चा में शामिल हुए बोले कि आज कल तो मोदी और राहुल गांधी की ही बातें चल रही है। पर मायावती और अखिलेश यादव को हल्का आंकना भी ठीक नहीं है। मायावती और अखिलेश ने दांव खेला है, उत्तर प्रदेश में कर्री पढ़ेगी भाजपा को। उधर दक्षिण भारत में राहुल गांधी को खुद वहां की जनता ने चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रण दिया है। यह बात कहते हुए विपिन कुमार के चेहरे पर काफी आत्मविश्वास दिखाई दे रहा था। इस पर चौधरी जी ने भी अपनी पूर्व की बात को ही आगे बढ़ाते हुए विपिन पर इशारा किया और बाकी लोगों से कहा देखिए यही फर्क है। गांव में एक सीमा में ही बंध कर इंसान की सोच रह जाती है। हम विकसित देशों की कतार में आने जा रहे हैं ऐसे में हमारी सबकी मानसिकता अब भी संकीर्ण है अब हम सबकों खुली सोच के साथ देश और यहां के मुद्दों के बारे में सोचना चाहिए।