लोकतंत्र सेनानियों ने साझा किए आपातकाल के अनुभव
जासं बदायूं जिले के लोकतंत्र सेनानी और आपातकाल योद्धाओं की बैठक जिला कार्यालय पर हुई। बैठक में उन्होंने अपने अपने अनुभव साझा किए।
जासं, बदायूं : जिले के लोकतंत्र सेनानी और आपातकाल योद्धाओं की बैठक जिला कार्यालय पर हुई। बैठक में उन्होंने अपने अपने अनुभव साझा किए।
मुख्य अतिथि लोकतंत्र रक्षक सेनानी समिति के प्रांतीय कोषाध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 आपातकाल घोषित किया। लेकिन, इसकी रणनीति 12 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट के इंदिरा गांधी के लोकसभा चुनाव को रद किए जाने के निर्णय के बाद से बनने लगी थी। आपातकाल के अत्याचारों की जांच करने वाले न्याय मूर्ति शाह ने लिखा भी है कि जून 75 मे देश में आंतरिक आपातकाल लगाने का कोई औचित्य नहीं था। इंदिरा गांधी के सिर्फ अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोपा और मनमाने अत्याचार किए। मीडिया प्रभारी महेंद्र पाल सिंह, विमल गुप्ता, सत्य प्रकाश, राम अवतार गुप्ता, दयाराम यादव ने अपने संस्मरण सुनाकर आपातकाल के जख्मों को ताजा किया। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह एडवोकेट ने आग्रह किया कि वे आपातकाल के अनुभवों को अपने बच्चों, पड़ोसियों एवं इष्ट मित्रों से शेयर करते रहा करें। ताकि आने वाली पीढ़ी आपातकाल के अत्याचारों एवं नेहरू परिवार के काले कारनामों से अवगत होती रहे। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह एडवोकेट व संचालन श्रीराम प्रकाश शर्मा ने किया।