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दुष्कर्म पीड़िता के मृत बच्चे को तलाशने पहुंची पुलिस, बैरंग लौटी

उझानी कोतवाली क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता के मृत नवजात का शव तलाशने के लिए खोदाई की पर वह जगह पर नहीं मिला।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 07:11 PM (IST)
दुष्कर्म पीड़िता के मृत बच्चे को तलाशने पहुंची पुलिस, बैरंग लौटी
दुष्कर्म पीड़िता के मृत बच्चे को तलाशने पहुंची पुलिस, बैरंग लौटी

संसू, उझानी : दुष्कर्म पीड़िता के मृत नवजात का डीएनए सैंपल प्रिजर्व करने के लिए कोर्ट के आदेश पर प्रशासन और पुलिस ने गांव पहुंचकर उस जगह पर खोदाई कराई, जहां नवजात को दफनाया गया था। काफी मशक्कत के बाद भी वहां नवजात का कोई पता नहीं लगा। नतीजतन शाम को टीम वापस लौट आई। फिलहाल उस कपड़े व थैले को प्रिजर्व कर लिया गया है, जिसमें नवजात को लपेटा गया था। इसी आधार पर पुलिस अब तफ्तीश को आगे बढ़ाएगी।

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कोतवाली उझानी इलाके के एक गांव में रहने वाली अनुसूचित जाति की महिला ने चार जून को एसएसपी को तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि वह विधवा और अशिक्षित है। उसकी 13 साल की बेटी का पेट कुछ दिनों से भारी दिख रहा था। पूछताछ की तो बताया कि गांव में ही रहने वाले विक्रम मौर्य नाम का युवक तमंचे के बल पर किशोरी से छह-सात महीने से दुष्कर्म कर रहा है। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता था। आरोपित के घर शिकायत की गई तो उसके परिजनों ने असलहे दिखाकर धमकाया और भगा दिया। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मेडिकोलीगल में किशोरी लगभग छह महीने की गर्भवती निकली थी। सात जून को आरोपित का चालान करके पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, यहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। छह सितंबर को पैदा हुआ बेटा

दुष्कर्म पीड़िता ने छह सितंबर को महिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था, लेकिन कुछ देर बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने उस नवजात को गांव में ही खेतिहर इलाके में ले जाकर जमीन में दबा दिया। जबकि पीड़िता को अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर घर भी ले गए थे। आरोपित ने अदालत में दी अर्जी

इधर, आरोपित विक्रम मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में खुद को बेकसूर ठहराते हुए यह अर्जी दी कि उस नवजात का डीएनए सैंपल उसके डीएनए सैंपल से मिलान करवा लिया जाए। क्योंकि वह नवजात उसका नहीं है। अदालत ने यह आदेश दिया कि नामित मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव को बाहर निकालकर उसका डीएनए सैंपल प्रिजर्व किया जाए। इसके लिए तहसीलदार सदर राम नरायण, सीओ उझानी विनय द्विवेदी समेत जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजेश वर्मा, फार्मासिस्ट योगेंद्र अधिकारी व एलटी वीरसिंह पीड़िता के गांव भेजे गए। वहां पीड़िता के परिजनों से पूछताछ के आधार पर खोदाई कराई गई, लेकिन कहीं भी नवजात नहीं मिला। नतीजतन टीम वापस लौट आई। हालांकि थैला व कपड़ा पुलिस ने प्रिजर्व कर लिया। वर्जन

किशोरी के भाई ने जिस स्थान पर बताया, वहां खोदाई कराई थी, लेकिन कुछ नहीं मिला। जिस थैले में रखकर व कपड़े में लपेटकर नवजात को वहां ले जाया गया था। वह मौके पर पड़ा मिला। फिलहाल उसे ले आए हैं।

- विनोद चाहर, कोतवाल उझानी


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