प्रशासन ने किया दिनरात एक, स्वास्थ्य विभाग उदासीन
रुहेलखंड के मिनीकुंभ मेला ककोड़ा की तैयारियों में समूचा प्रशासनिक और पुलिस अमला जुटा है।
बदायूं : रुहेलखंड के मिनीकुंभ मेला ककोड़ा की तैयारियों में समूचा प्रशासनिक और पुलिस अमला जुटा हुआ है। वहीं मेले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का जिक्र करें तो अफसरों ने यहां अस्पताल बनाने समेत डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने की भी सुध नहीं ली है। जिम्मेदार अन्य कामों का हवाला देकर अपनी गलती छिपाने में जुटे हुए हैं। जबकि गंगा की खादर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को तबीयत बिगड़ने पर यहां बनने वाला अस्पताल ही एक मात्र सहारा होता है।
मेले में सड़क बनाने से लेकर गंगा का घाट निर्माण किया जा रहा है। बरेली समेत पीलीभीत और शाहजहांपुर की पुलिस ने यहां आमद दर्ज करा दी है। ताकि मेले में सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न आए। कोतवाली खुल चुकी है और इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश को इसका प्रभार भी सौंप दिया गया है। वहीं जिला पंचायत प्रशासन ने तंबुओं का शहर बसाने के साथ ही सिरकी के बेड़े भी लगाना शुरू कर दिए हैं। इस बीच अभी तक केवल स्वास्थ्य महकमे की उदासीनता उजागर हो रही है। वजह है कि यहां बनने वाले अस्पताल में क्या व्यवस्थाएं रहेंगी, कितने डॉक्टर तैनात होंगे और क्या संसाधन उपलब्ध कराना है। इसको लेकर अधिकारियों ने कोई रणनीति तैयार नहीं की है। कादरचौक सीएचसी की भी हालत खराब
मेले से सबसे नजदीक सीएचसी कादरचौक की भी हालत ज्यादा अच्छी नहीं है। दो दिन पहले ही सीएमओ के निरीक्षण में यहां का स्टाफ गैरहाजिर मिला था। आलम यह था कि वहां भर्ती मरीजों को भोजन तक नहीं मिल सका था। उझानी सीएचसी पर तैनात चिकित्साधिकारी को प्रभारी सीएमओ डॉ. मंजीत ¨सह ने वहां की व्यवस्थाओं की देखरेख को कहा था। मेला ककोड़ा लगने वाला है लेकिन वहां दवाइयों की अभी से किल्लत है। ऐसे में गंभीर मरीजों के लिए जिला अस्पताल के अलावा कोई सहारा नहीं बचा है। वर्जन ::
मेला ककोड़ा में अस्पताल खोला जाएगा। इसके लिए व्यवस्थाएं करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि अभी स्टाफ की ड्यूटी नहीं लगी है लेकिन जल्द ही यहां सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी।
- डॉ. मंजीत ¨सह, प्रभारी सीएमओ