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गंगा आरती में बदायूं से 40 रुपये में आइये-जाइये

जागरण संवाददाता, बदायूं : कछला गंगा घाट पर नियमित गंगा महाआरती का शुभारंभ हो चुका है। जिला मुख्यालय

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 12:18 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 12:18 AM (IST)
गंगा आरती में बदायूं से 40 रुपये में आइये-जाइये
गंगा आरती में बदायूं से 40 रुपये में आइये-जाइये

जागरण संवाददाता, बदायूं : कछला गंगा घाट पर नियमित गंगा महाआरती का शुभारंभ हो चुका है। जिला मुख्यालय से लोगों को शहर से जाने और आने के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था कराई गई है। अगर आप कछला आरती में शामिल होना चाहते हैं तो शाम चार बजे पुलिस लाइंस में बस उपलब्ध रहेगी। यह बस कछला ले जाएगी और आरती समाप्त होने के बाद बदायूं पहुंचाएगी। आने और जाने का किराया सिर्फ 40 रुपये निर्धारित किया गया है। रुहेलखंड मंडल में मिनी कुंभ मेला ककोड़ा तो पहले से प्रसिद्ध रहा है, लेकिन अब कछला की गंगा आरती भी लोगों को आकर्षित करेगी। यह एक अच्छी शुरूआत हुई है। गंगा आरती के लिए स्थायी इंतजाम कराए गए हैं।

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डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन को निगरानी में रखा है, नियमित आरती के लिए स्थायी इंतजाम कर दिए गए हैं। पहले दिन अपेक्षा से अधिक भीड़ हो गई। साज-सज्जा बहुत अच्छी की गई थी, गंगा घाट देखने में आकर्षक लग रहा था। आयोजन समिति ने पहले से अभ्यास भी कराया था, लेकिन भीड़ अपेक्षा से अधिक जुटने पर आरती स्थल पर अव्यवस्था फैल गई। इसके बावजूद गंगा महाआरती का इंतजाम ऐतिहासिक हुआ। हजारों लोग गंगा महाआरती के गवाह बने। ऐतिहासिक पहल को हर किसी ने सराहा

रुहेलखंड मंडल के कछला घाट पर ऐतिहासिक शुरूआत की हर किसी ने तारीफ की। डीएम दिनेश कुमार की अगुवाई में हुए इस आयोजन में सामाजिक संगठनों की भी पूरी सहभागिता रही। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल वर्मा ने इस आयोजन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाकर व्यवस्था को और सु²ढ़ बनाने की बात कही। अतिथियों ने इस पहल की सराहना की। जिले के लोग भी गंगा महाआरती को देखकर अभिभूत हुए। गंगाभक्तों को खली त्रिदंडी स्वामी की उपेक्षा

कछला गंगा घाट पर वासुदेवाचार्य त्रिदंडी स्वामी वर्षों से कुटी जमाए हुए हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा की महिमा बताने के साथ गंगा सफाई अभियान में भी अनवर अपनी सहभागिता देते रहते हैं। गंगा आरती में वह वर्षों से सहभागिता करते रहते हैं। इस आयोजन की तैयारी भी करीब महीने भर से चल रही थी, लेकिन यहां वर्षों से तपस्या कर रहे त्रिदंडी स्वामी की कार्यक्रम में सहभागिता न होना गंगाभक्तों को खली।

आरती के सामने लगे मंच से फैली अव्यवस्था

गंगा महाआरती वास्तव में भव्य थी। गंगा घाट से लेकर पुल तक हजारों लोगों की भीड़ थी। सब कुछ व्यवस्थित था, लेकिन आरती स्थल के आगे बनाया गया मंच अव्यवस्था का कारण बन गया। व्यवस्था वाकई अछ्वुत थी, घाट से लेकर पुल तक हजारों की भीड़ जुटी थी। सजावट भी उत्तम थी, अभ्यास भी कर लिया गया था, लेकिन अगर आरती स्थल के आगे मंच न बनता तो शायद ²श्य और सुंदर होता। परिवार सहित लोग नाव में बैठकर नजारा देखना चाहते थे, लेकिन आरती स्थल के आगे भीड़ होने के कारण लोगों को नाव से बाहर आकर आरती में शामिल होना पड़ा।


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