मंच से नीचे आकर जनता के दिल में उतरने की कोशिश
कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी सभा में मंच से उतरकर आमजन से रूबरू हुए।
अभिषेक सक्सेना, बदायूं
कांग्रेस के पश्चिमी प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिधिया अपनी 20 मिनट के भाषण के बीच मंच से दूरी बनाए रहे। नीचे उतरकर माइक के साथ आसपास टहलते हुए जहां मतदाताओं की नब्ज टटोली। हर तबके के लोगों के हित की बात कहते हुए किसानों, युवाओं और महिलाओं को साधने की कोशिश की। जहां किसानों को कर्जमाफी का दावा करके सहेजने का प्रयास किया, वहीं गरीबों को 72 हजार रुपये न्यूनतम आय देने की घोषणा पत्र की बात भी दोहराई। युवाओं को रोजगार देने का वादा किया और आम आदमी को निजी अस्पतालों में निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा दिए जाने की बात भी कही। कहा कि जितना जमीन के पास रहोगे, उतना ही ऊपर जाओगे।
सिधिया ने शुरुआत में ही बदायूं की धरती को नमन किया। इसके साथ ही माइक थामकर मंच से नीचे उतर आए। केंद्र सरकार के पांच साल पहले के वादे खुद कहे और उनका जवाब लेने के लिए जनता की ओर माइक का रुख कर दिया। बाद में खुद भी उन दावों और वादों पर कटाक्ष किया। कहा कि चुनाव के दिनों में विरोधी दलों के नेता विदेशी पंछी की तरह आते हैं और इस डाल से उस डाल पर बैठकर लोगों को रिझाने की कोशिश करते हैं। चूंकि मधुमक्खी के छत्ते में जब शहद आ जाता है तो और अन्य मक्खियां भी आसपास घूमती हैं। इसलिए ऐसे नेताओं का सम्मान जरूर कीजिए और घर में भी बैठाएं लेकिन 23 अप्रैल को उनका बोरिया बिस्तर बांधने से भी नहीं चूकें। मेरी सुरक्षा जनता के हाथ में
मंच से उतरते ही सिधिया के आसपास पुलिस ने घेरा बनाना चाहा तो कहा कि पुलिस भाई यहां से हट जाएं, क्योंकि मेरी सुरक्षा मेरी जनता करती है। युवाओं को रिझाने के लिए कहा कि मोदी और योगी को जनसेवा की नहीं बल्कि सत्ता की भूख है।