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बाजार से गायब हो गया चाइनीज आइटम

जेएनएन बदायूं भारत-चीन सीमा पर टकराव के बाद लोग चाइनीज सामान खरीदने से परहेज कर रहे

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 11:53 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 11:53 PM (IST)
बाजार से गायब हो गया चाइनीज आइटम
बाजार से गायब हो गया चाइनीज आइटम

जेएनएन, बदायूं : भारत-चीन सीमा पर टकराव के बाद लोग चाइनीज सामान खरीदने से परहेज कर रहे हैं। आकर्षक भले ही हो लेकिन सामान नहीं खरीदा जा रहा। फिर चाहें इलेक्ट्रानिक सामान हो या खिलौने या फिर स्टेशनरी। मुनाफा ज्यादा होने के बाद भी चाइनीज स्टेशनरी बाजार में नहीं बेची जा रही और न ही मांग रह गई है। हालांकि क्राफ्ट के काम के लिए जरूर चाइनीज सितारों की कुछ मांग है। इसके अलावा और कुछ नहीं बिक रहा।

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भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद हर वर्ग में गुस्सा भरा है। फिर चाहें वह दुकानदार हो या ग्राहक। दुकानदार चाइनीज सामान बेच नहीं रहे और ग्राहक खरीद नहीं रहे। स्टेशनरी की शॉप पर चाइनीज सामान नहीं है। कहीं रखा भी है तो चाइनीज भाषा लिखी देखने से ही ग्राहक खरीदने से इंकार कर देते हैं। दुकानदारों का कहना है कि चाइनीज सामान बेचने में देशी से मुनाफा तो ज्यादा होता है लेकिन गारंटी नहीं होती और माल की वापसी भी नहीं होती तो नुकसान होने के कारण पहले से ही चाइनीज सामान बेचना बंद कर दिया था अब चीन की नापाक हरकत के बाद तो बिल्कुल नहीं बेचा जाएगा।

चाइनीज स्टेशनरी बेचने पर ज्यादा मुनाफा होता था लेकिन सामान की वापसी नहीं थी। माल खराब ही होता था जिसके चलते बेचना ही बंद कर दिया था। अब फायदा होगा तो भी नहीं बेचेंगे।

- विजय वाष्र्णेय, व्यापारी समय है कि चीन का उसकी भाषा में सबक सिखाए। हमारी सेना सरहद पर चीन से लोहा ले रही है तो हम सभी को देश के भीतर चाइना के सामान का बहिष्कार करना चाहिए। बच्चों के लिए चाइना की स्टेशनरी नहीं खरीदेंगे।

- नवेद बक्श, अभिभावक देश से बढ़कर कुछ नहीं। पहले चीन से चिढ़ थी जो हमारे जवानों की शहादत के बाद सौ गुना हो गई है। उस देश का सामान कैसे बेच सकते हैं। चाइना का सामान अब नहीं आ रहा और न ही लोग बेच रहे हैं।

- श्याम रस्तोगी, व्यापारी पेन, पेंसिल, बॉक्स या बैग आदि से बच्चे नहीं पढ़ते। बच्चे पढ़ते हैं बैग के अंतर रखी किताबों से। फिर चाहें बैग कैसा भी हो। जरूरी नहीं है कि सुंदर दिखने की वजह से आकर्षित होकर चाइनीज स्टेशन खरीदी जाए।

- मुनीश सिंह, अभिभावक


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