चाणक्य ने पीडब्ल्यूडी की बढ़ा दी टेंशन
लोक निर्माण विभाग निर्माण कार्यों के भुगतान पर फिर चाणक्य सॉफ्टवेयर को अनिवार्य कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बदायूं : लोक निर्माण विभाग निर्माण कार्यों के भुगतान पर फिर चाणक्य सॉफ्टवेयर को अनिवार्य कर दिया है। दो महीने पहले तक 75 लाख तक के निर्माण कार्यों के भुगतान चेक से करने की छूट दी गई थी, लेकिन अब शासन ने फिर आदेश बदल दिया है। इससे पहले एक करोड़ तक के निर्माण कार्यों की छूट मिली हुई थी। इस महीने से फिर आदेश जारी हो गया कि अब सभी भुगतान ई-बिल के माध्यम से ही किए जाएंगे। इससे विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टेंशन बढ़ गई है। योगी सरकार ने ई-टेंडरिग और ई-बिल से भुगतान की शुरुआत की। बाद में एक करोड़ रुपये तक के भुगतान की चेक से भुगतान की छूट दी गई थी। दो माह पहले इस पर फिर अंकुश लगा दिया गया था, 75 लाख रुपये तक चेक से भुगतान की सहूलियत मिलने लगी है। अब शासन ने चार सितंबर से नया आदेश जारी कर दिया है कि अब चाणक्य साफ्टवेयर के जरिये ई-बिल से ही सभी तरीके का भुगतान किया जा सकेगा। चूंकि सिस्टम पुराने ढर्रे पर चला आ रहा है, इसलिए नई व्यवस्था लागू होने से तमाम कर्मचारियों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। निर्माण कराने वाले ठेकेदारों का आसानी से भुगतान नहीं हो पा रहा है। चौकीदार के सहारे चल रहा गेस्ट हाउस
जिले में नगर विकास मंत्री हैं, उनका अक्सर आवागमन रहता है। प्रदेश के अन्य वीवीआइपी भी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आते हैं, लेकिन गेस्ट हाउस की व्यवस्था चौकीदार के सहारे चल रही है। उदाहरण के तौर पर गेस्ट हाउस परिसर में लगा बोर्ड इसकी गवाही दे रहा है। बोर्ड पर पद नाम तो अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता का भी लिखा हुआ है, लेकिन उसके आगे किसी का नाम नहीं लिखा है। हां, चौकीदार के आगे रामस्वरूप का नाम जरूर लिखा हुआ है। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी
पीडब्ल्यूडी में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए हैं। अधिकारियों के कक्ष के आसपास के अलावा वरिष्ठ कर्मचारियों के कक्षों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाकर कार्यालय की पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।