बदायूं में ईंट भट्ठों पर भी कोयला की मार, मकान बनाना होगा मुश्किल
कोयला संकट से बिजली उत्पादन ही नहीं ईंट भट्टा उद्योग भी प्रभावित हुआ है। कोयले की कमी ईंट भट्ठा और ढाबा संचालकों को अखर रही है। सामान्य कोयला पर तीन से चार रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे ईंट के दामों में वृद्धि हुई है। 5200 रुपये प्रति हजार की ईंट के दाम 5800 रुपये तक पहुंच गए हैं।
बदायूं, जेएनएन: कोयला संकट से बिजली उत्पादन ही नहीं ईंट भट्टा उद्योग भी प्रभावित हुआ है। कोयले की कमी ईंट भट्ठा और ढाबा संचालकों को अखर रही है। सामान्य कोयला पर तीन से चार रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे ईंट के दामों में वृद्धि हुई है। 5200 रुपये प्रति हजार की ईंट के दाम 5800 रुपये तक पहुंच गए हैं। इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। इससे मकान बनाना चुनौती बनेगा।
जिले में तीन प्रकार का कोयला इस्तेमाल किया जाता है। आम भाषा में कोयले वाली प्रेस, तंदूर और ढाबों पर इस्तेमाल होने वाले कोयला इमली कोयला कहलाता हैं। इनमें इमली के साथ पत्थर वाले कोयले का प्रयोग करते हैं। ईंट भट्ठों पर स्टीम कोल के नाम कोयला का प्रयोग होता है। शहर के जोगीपुरा के कोयला दुकानदार मुनब्बर हुसैन ने बताया कि पत्थर वाला कोयला 17 रुपये प्रति किलो है। अब इसमें तीन रुपये की वृद्धि हुई है। वहीं, इमली वाला कोयला 26 रुपये किलो है, जिसमें चार रुपये प्रति किलो की वृद्धि है। यहीं हाल स्टीम कोल का भी है। इसके दाम में भी उछाल आया है। सर्वाधिक कोयला की कमी की मार ईंट उद्योग पर है। इससे ईंट उद्योग भी प्रभावित होने लगे हैं। 5200 रुपये प्रति एक हजार बिकने वाले ईंट के दाम 5800 रुपये प्रति हजार तक पहुंच गए हैं। भट्ठा मालिकों को कोयला की आपूर्ति नहीं हो रही है। मूल्य भी बढ़ गए हैं। इससे ईट के दाम बढ़ गए हैं। बरसात में ईंट भट्ठे तो संचालित नहीं हो रहे थे, लेकिन कोयला की समस्या को देखते हुए ईंट के दाम बढ़ने लगे हैं। इनसेट ::
स्टीम कोल के 14 रुपये बढ़ गए दाम
सामान्य कोयले के दाम तीन से चार रुपये बढ़े हैं। लेकिन, स्टीम कोल की कीमत में 14 रुपये तक बढ़ गए हैं। फिर भी ईंट भट्ठा मालिकों को कोयला नहीं मिल रहा है। भट्ठा मालिक की बात ::
कोयले में चार रुपये की वृद्धि हुई है। इससे ईंट के दाम में भी 600 रुपये प्रति हजार वृद्धि हुई है। आसानी से कोयला नहीं मिला पा रहा है।
- मितान सिंह, ईंट भट्ठा मालिक