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कार्रवाई की जद में नहीं आए अवैध शराब के बड़े खिलाड़ी

तिगुलापुर गांव के शराब कांड में कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता निभाई गई। अवैध शराब के इस खेल में कई बड़े अफसरों की मिलीभगत व लापरवाही सामने आई है। लेकिन उन्होंने खुद को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों पर तुरंत कार्रवाई कर दी। ताकि उनकी कुर्सी बची रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 01:31 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 01:31 AM (IST)
कार्रवाई की जद में नहीं आए अवैध शराब के बड़े खिलाड़ी
कार्रवाई की जद में नहीं आए अवैध शराब के बड़े खिलाड़ी

जेएनएन, बदायूं : तिगुलापुर गांव के शराब कांड में कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता निभाई गई। अवैध शराब के इस खेल में कई बड़े अफसरों की मिलीभगत व लापरवाही सामने आई है। लेकिन, उन्होंने खुद को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों पर तुरंत कार्रवाई कर दी। ताकि, उनकी कुर्सी बची रहे। ऐसे ही शराब माफिया पर शिकंजा कसने का दावा कर पुलिस व आबकारी विभाग के अफसरों ने दो दिन अभियान चला कार्रवाई के नाम पर औपचारिकताएं पूरी कीं। अब वह निगरानी बढ़ाने का दावा कर रहे हैं।

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चुनाव या फिर होली का त्योहार पर शराब माफिया नहीं चूकते हैं। जिले में इस बार होली पंचायती चुनाव के बीच पड़ी, इसलिए आबकारी महकमे को बार-बार सचेत किया जाता रहा कि शराब माफिया अवैध शराब की खेंप गांवों में बेच सकते हैं। होली करीब आई तो शराब माफिया के सप्लायर गांव-गांव पंचायती चुनाव के दावेदारों से सौदेबाजी कर आधे से कम रेटों में शराब मुहैया कराने लगे। नशे की गोली और मैथेनॉल मिलाकर शराब को जहरीला बनाया। फिर उस शराब को दावेदारों ने मतदाताओं के बीच बांटना शुरू कर दिया। नतीजा यह निकला कि तिगुलापुर गांव में 24 घंटे मे अवैध शराब से तीन मौत हो गईं, जबकि एक युवक की आंखों की रोशनी चली गई। शराब कांड के बाद बड़े स्तर पर कार्रवाई तय मानी गई। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। घटना के बाद प्रशासनिक अमला एक्शन मोड में आया तो दुकानों पर मौजूद अवैध शराब का स्टॉक हटा दिया। आबकारी व पुलिस की टीम पहुंचने से पहले ही माफिया को सूचना मिल जाती थी, इसलिए माफिया अवैध शराब को ठिकाने लगाते रहे। इंसेट ..

ऊपर तक जाता था कमाई का हिस्सा

जिले में चल रहे अवैध शराब के धंधे से होने वाली कमाई का हिस्सा ऊपर तक जाता था। इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि शहर से लेकर देहात तक अधिकांश शराब की दुकानों पर अवैध शराब बिक रही थी। वहीं, ओवररेटिग किसी से छिपी नहीं थी। शराब माफिया की लगातार शिकायतों के बाद भी छापेमारी या चेकिग के नाम पर कोई अफसर सामने नहीं आ रहा था। अब इतने बड़े कांड के बाद भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय नहीं की जा रही है। वर्जन ..

जिले में लगातार अवैध शराब के खिलाफ अभियान चल रहा है। तिगुलापुर शराब कांड से पहले भी कई जगह अवैध शराब पकड़ी थी। सख्ती के साथ इस धंधे से जुड़े लोगों से निपटा जा रहा है।

- राजकुमार, जिला आबकारी अधिकारी


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