मन में हो विश्वास तो मंजिल की राह आसान
लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत की जाए तो कोई बाधा मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।
बदायूं : लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत की जाए तो कोई बाधा मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। बशर्ते सुनियोजित ढंग से निरंतर परिश्रम किया जाए। स्टार जिमनास्ट खिलाड़ी दीपा करमारकर इसकी नजीर हैं। बच्चों की सफलता में अभिभावकों की भूमिका भी अहम रहती है। मन में ठान लिया जाए और कोई भी काम मुश्किल नहीं है। दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान के तहत बुधवार को राजाराम महिला इंटर कॉलेज में सुबह प्रार्थना सभा के दौरान लगी संस्कारशाला की पाठशाला में विशेष प्रशिक्षक संजीव कुमार शर्मा ने छात्राओं को दीपा करमाकर की प्रेरक कहानी सुनाकर छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।
दैनिक जागरण परिवार के साथ विद्यालय में पहुंचे विशेष शिक्षक संजीव कुमार शर्मा ने छात्राओं को दीपा करमाकर की कहानी सुनाकर समझाया कि लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करने से सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने छात्राओं से दीपा करमाकर के जीवन से जुड़े सवाल पूछकर आयोजन को रुचिकर बनाया। संस्कारों की शिक्षा देते हुए कहा कि संस्कार ही जीवन को समुन्नत बनाते हैं। शुभ संस्कारों से प्रखर व्यक्तित्व और चिंतन को श्रेष्ठतम ऊर्जा मिलती है। जीवन पर्यंत अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है। उत्कृष्ट और महान लक्ष्य को पाने के लिए श्रेष्ठ संस्कारों से जीवन को परिष्कृत करें। माता पिता के संरक्षण और गुरूजनों के सानिध्य में तपकर साधारण भी असाधारण योग्यताओं और क्षमताओं को प्राप्त करता है। संस्कारों की प्रबलता से व्यक्ति मानव से महामानव और महामानव से देवत्व को अर्जित करता है। श्रद्धा और भक्ति में लीन संस्कारवान लोगों ही पावनता से ओतप्रोत होते हैं। समाज में अनोखा सम्मान पाते हैं। व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों और कर्त्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए। संस्कारवान और प्रतिभाशाली लोग ही संस्कारों की सुगंधि समाज, राष्ट्र और विश्व धरा को महकाने की सामर्थ रखते हैं। संस्कारित व्यक्ति पारसमणि है, जिसके संपर्क में आने से लाखों लोगों का जीवन बदल जाता है। उसके सर्वोत्तम कार्यों, उत्तम विचारों, श्रेष्ठ भावनाओं से समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कठिन राह भी आसान हो जाती है। संस्कारवान व्यक्ति दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत होता है। छात्राओं को दीपा करमाकर के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानाचार्या अनीता ¨सह ने दैनिक जागरण के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इसका बच्चों पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। विद्यालय में संस्कारशाला का विशेष आयोजन करने के लिए उन्होंने जागरण परिवार का आभार व्यक्त किया।
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बच्चों में संस्कार डालने और सफलता के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दैनिक जागरण का संस्कारशाला अभियान काबिले तारीफ है। छात्राओं को पाठ्यक्रम की शिक्षा देने के साथ पारिवारिक और सामाजिक कार्यों के लिए भी शिक्षा दी जाती है। किसके साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए इसके तौर तरीके भी सिखाए जाते हैं। छात्राओं को संस्कारवान बनाने के लिए आगे भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे।
- अनीता ¨सह, प्रधानाचार्या, राजाराम महिला इंटर कॉलेज