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आधी अधूरी तैयारियों के साथ होगी बाढ़ से जंग

संवाद सहयोगी सहसवान मानसून ने दस्तक से लोगों को भले ही गर्मी से निजात मिली हो। लेकिन तहसील क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों के माथे पर चिता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं। उन्हें बाढ़ से होने वाले नुकसान की चिता सता रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 01:13 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 01:13 AM (IST)
आधी अधूरी तैयारियों के साथ होगी बाढ़ से जंग
आधी अधूरी तैयारियों के साथ होगी बाढ़ से जंग

संवाद सहयोगी, सहसवान : मानसून ने दस्तक से लोगों को भले ही गर्मी से निजात मिली हो। लेकिन, तहसील क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों के माथे पर चिता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं। उन्हें बाढ़ से होने वाले नुकसान की चिता सता रही है। बाढ़ खंड और प्रशासन भले ही बाढ़ से बचाव के दावे कर रहा हो। लेकिन, ग्रामीण आशंकित है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से निपटने के लिए कोई अतिरिक्त तैयारी नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ खंड और प्रशासन ने कटान रोकने के लिए इस बार भी कोई अतिरिक्त तैयारी नहीं की है।

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ग्रामीणों ने बताया कि कुछ जगह पर बालू भरे कट्टे लगवाए हैं। पिछले साल बारिश और बाढ़ से क्षतिग्रस्त गंगा महावा बांध और संपर्क मार्गों की मरम्मत के नाम पर औपचारिकता निभाई गई है। उन्हें आशंका है कि गंगा में आने वाली बाढ़ ने विकराल रूप दिखाया तो उनकी खरीफ की मक्का, तिल, बाजरा, धान, ईख आदि फसलों के बर्बाद होने के साथ ही जमीनें कटने का भी खतरा है। गांव में पानी भरने से गत वर्षो की तरह उन्हें इस बार भी सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ेगा। पिछले दिनों डीएम कुमार प्रशांत ने अलग-अलग बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया था। बाढ़ खंड व तहसील प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।

यह गांव होते हैं प्रभावित

गंगा में बाढ़ आने पर गंगा महावा बांध के उस पार बसे गांव भमरौलिया, खागी नगला, रज्जू नगला, गिरधारी नगला, तेलिया नगला, तौफी नगला, वीर सहाय नगला पानी से घिर जाते हैं इसके साथ ही बांध के इस पार बसे टोंटपुर करसरी, सुकर्रा, बसौलिया, धापड, नगलावरन, रसूलपुर बेला, खिरकवारी, औरंगाबाद टप्पा जामनी आदि गांवों के लोगों की उस पार बोई गई फसलें जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने पर नष्ट हो जाती हैं। वर्जन ::

बांध की मरम्मत के लिए मनरेगा के अंतर्गत बजट प्राप्त हुआ है। इससे मरम्मत कार्य शुरू करा दिया गया है। प्राप्त बजट के अनुसार बांध के किमी संख्या 16400 के पास संभावित कटान स्थल पर्कोपाइन स्टड बनाए गए हैं।

- रामौतार आर्य, जेई बाढ़ खंड वर्जन ::

गंगा महावा बांध के उस पार स्थित गांव के कुछ ग्रामीणों को आवास योजनाओं का लाभ मिल चुका है। शेष परिवारों को इस पार बसाए जाने के लिए जमीन तलाश की जा रही है। ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

- लाल बहादुर, एसडीएम सहसवान


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