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होली की तपिश के साथ चढ़ने लगा बदायूं का सियासी पारा

होली ेकी तपिश के साथ सियासी पारा भी चढ़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 12:07 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 12:07 AM (IST)
होली की तपिश के साथ चढ़ने लगा बदायूं का सियासी पारा
होली की तपिश के साथ चढ़ने लगा बदायूं का सियासी पारा

बदायूं : लोकसभा चुनाव में अपने गढ़ को बचाने के लिए सत्ताधारी पार्टी खोए हुई राजनैतिक जमीन पर सियासत की फसल तैयार करने की तैयारी में है तो पांच बार यहां से सांसद रहे सलीम इकबाल भी अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुट गए हैं। महागठबंधन समेत तीनों ही प्रमुख दलों ने अब अपने प्रत्याशियों को चुनावी समर में उतार दिया है। ऐन होली की शाम भाजपा ने जैसे ही अपने पत्ते खोले कि गर्मी के साथ ही सियासी पारा भी चढ़ गया। अब सभी दल अपने-अपने प्रत्याशी को दिल्ली भेजने की तैयारी करते हुए जनता के बीच पहुंच रहे हैं तो छुटभैय्या नेताओं के यहां भी परिक्रमा लगा रहे हैं। जुगत है तो किसी तरह से इस चुनावी समर में महारथ हासिल करने की। सबसे ज्यादा कड़ी मशक्कत के बीच यहां से सत्ताधारी प्रत्याशी को गुजरना होगा। वजह है कि लंबे अर्से से यहां लोकसभा के मैदान में कमल नहीं खिला है तो मोदी लहर समेत लगातार दो चुनाव जीत चुके सांसद धर्मेंद्र यादव को भी अपना किला बचाने की चुनौती है। इसी तरह से पांच बार सांसद रहे सलीम इकबाल शेरवानी को भी इस बार कुछ कर दिखाने की चुनौती है। चुनाव परिणाम क्या रहेंगे यह तो जनता के मूड की बात है, लेकिन सियासी दांव-पेच सभी ने आजमाने शुरू कर दिए हैं। सभी प्रत्याशियों के समर्थक जनता के बीच पहुंचने लगे हैं। इससे गांव की सियासी चौपालें भी अब रातों में सजने लगी हैं। हार जीत का फैसला भी देहात की चौपालों में हो रहा है। सरकारी मशीनरी ने भी कसी कमर

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लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण कराने के लिए प्रशासनिक अमले ने भी कमर कस ली है। इवीएम से लेकर वीवीपैट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है तो देहात में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए जन जागरूकता एलईडी वैन का भी संचालन शुरू होने वाला है। हालांकि यहां चुनाव में एक महीना बाकी है, लेकिन अभी से पूरी तैयारियों को मुकम्मल करना प्रशासन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है। इसी मंशा के साथ प्रशासनिक अमले ने सभी की ड्यूटी तय की है तो जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट भी नियुक्त कर दिए हैं। सभी मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए जा चुके हैं वह पोलिग बूथ पर जाकर व्यवस्थाओं का आंकलन अभी से कर लें। शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी और अनुदेशकों की भी लगेगी ड्यूटी

चुनाव के लिए जिले में 2557 बूथ बनाए गए हैं। हर बूथ पर पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी द्वितीय एवं तृतीय की ड्यूटी लगाई जा रही है। बूथों के सापेक्ष 10 फीसद अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। चुनाव में शिक्षामित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अनुदेशकों की ड्यूटी लगाने के लिए शासन ने प्रस्ताव मांगा है। इनकी ड्यूटी मतदान अधिकारी द्वितीय के रूप में लगाई जाएगी। प्रभारी अधिकारी कार्मिक सीडीओ निशा अनंत ने यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।


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