Badaun: कक्षा 8 की छात्रा ने पत्र में लिखा- 'मां की आंखों ने नहीं देख सकती आंसू', फिर खाया जहर
बदायूं मैंने तो अपनी सहेली के पापा की मदद करने के लिए उन्हें उसके बारे में बताया था। इसलिए नहीं कि वह लोग मुझे ही परेशान करें और मेरे माता-पिता के सामने मुझसे उल्टा सीधा कहें। उनकी बातों से मेरी मां के आंख में आंसू आ गए।
जागरण संवाददाता, बदायूं : मैंने तो अपनी सहेली के पापा की मदद करने के लिए उन्हें उसके बारे में बताया था। इसलिए नहीं कि वह लोग मुझे ही परेशान करें और मेरे माता-पिता के सामने मुझसे उल्टा सीधा कहें। उनकी बातों से मेरी मां के आंख में आंसू आ गए। मैं अपनी मां के आंख में आंसू नहीं देख सकती। इससे अच्छा है कि मैं जान दे दूं। सॉरी मम्मी, सॉरी (सहेली का नाम) सॉरी अंकल। यह सुसाइड नोट लिखने के बाद कक्षा आठ की एक छात्रा ने जहर खा लिया। हालांकि समय स्वजन समझ गए और अस्पताल ले आए। जिससे उसकी जान बच गई।
मामला शहर काेतवाली क्षेत्र के मुहल्ला ब्राह्मपुर का है। ब्राह्मपुर में रहने वाली एक किशोरी कक्षा आठ की छात्रा है। कुछ दिन पहले उसकी एक सहेली घर से चली गई। सहेली के जाने संबंधी कोई जानकारी छात्रा को थी। इस पर उसने सहेली के पिता व अन्य स्वजन को बता दिया। यह भी बताया कि वह कछला तक गई थी। लेकिन इसके बाद से उस सहेली के माता-पिता और अन्य स्वजन लगातार छात्रा को परेशान करने लगे। आए दिन उसके घर आकर उल्टी सीधी बातें करते। उसके माता-पिता के बारे में भी अशब्द बोलते थे। यह सब रोज का हो गया था। कई बार पुलिस भी उसे अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई। इससे छात्रा परेशान हो गई।
छात्रा ने बुधवार दोपहर को एक सुसाइड नोट लिखा। जिस पर उसने पूरी बात लिखी। साफ-साफ लिखा कि सहेली के जाने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। उसने सहेली की इंस्टाग्राम आइडी के बारे में भी लिखा और बताया कि उसने किसी को पासवर्ड नहीं बताया। इसके बाद छात्रा ने घर में रखा कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। काफी देर तक जब मां को वह नहीं दिखी तो वह कमरे में गई, जहां छात्रा उल्टी कर रही थी। उसे देख मां समझ गई और तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल आई। जहां उपचार शुरू हुआ और अब उसकी हालत ठीक बताई जा रही है।
स्वजन ने बताया कि उनकी बेटी ने सुसाइड नोट में इसका जिम्मेदार सहेली के अभिभावकों को बताया है। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजीव तोमर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जो जिम्मेदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस पर लगाए टार्चर करने के आरोप
छात्रा की मां ने जिला अस्पताल में बताया कि उनकी बेटी को सादा कपड़ों वाली पुलिस आए दिन सहकारीगंज चौकी ले जाती थी। उससे घंटों पूछताछ करती थी। उसे लगातार टार्चर किया जा रहा था। एक तरफ सहेली के स्वजन और दूसरी तरफ पुलिस का टार्चर। इसे ही वह बर्दाश्त नहीं कर सकी और यह कदम उठा लिया। छात्रा की मां ने पुलिस कर्मियों की शिकायत एसएसपी से करने की बात कही है।