भगवान ¨सह को दिल्ली बुलाकर दिया था लोस टिकट
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के आकस्मिक निधन से जहां हर कोई स्तब्ध है, वहीं भगवान सिंह का परिवार गमगीन है।
बदायूं : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आकस्मिक निधन से जहां हर कोई स्तब्ध है, वहीं बदायूं की राजनीति के स्तंभ कह जाने वाले पूर्व मंत्री भगवान ¨सह शाक्य का पूरा कुनबा उनकी यादों को लेकर गमगीन है। वजह है कि उस दौर में जब यहां की राजनीति में वह चमक रहे थे तो सबसे पहला आशीर्वाद अटल जी ने ही उन्हें ही दिया था। वह उनको सबसे ज्यादा नजदीक मानते थे। यही वजह रही कि वर्ष 1984 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने तमाम भाजपाइयों का विरोध झेलते हुए भगवान ¨सह को दिल्ली बुलाकर लोस टिकट दिया था। उनकी चुनावी सभा करने वह गांधी ग्राउंड में आए थे।
उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण ¨सह दो दिन पहले ही उनके आवास पर रुके थे। वर्ष 1994 में जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, तब देशभर में कांग्रेस को सहानुभूति का वोट मिल रहा था। उसी दौर में भगवान ¨सह शाक्य को भाजपा से टिकट देने के बाद वह 18 दिसंबर 1984 को बदायूं के गांधी ग्राउंड में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे। गुरुवार को उनके निधन की सूचना मिलने के बाद भाव विभोर हुए पूर्व मंत्री भगवान ¨सह ने बताया कि अटल जी उनके मार्ग दर्शक थे। उन्होंने ने ही दो बार उनकी पत्नी शांति देवी को यहां से लोकसभा का टिकट दिया था। जब कांग्रेस की लहर थी तब उनको यहां से काफी वोट मिले थे।
स्थगित किया बदायूं गौरव महोत्सव
बदायूं में तीन दिवसीय कार्यक्रम यानि बदायूं गौरव महोत्सव कराने जा रहे कार्यक्रम के संयोजक पूर्व मंत्री भगवान ¨सह शाक्य ने अटल जी के निधन की सूचना मिलते ही कार्यक्रम स्थगित कर दिया। सभी समर्थकों को बुलाया और कहा कि इस वक्त वह काफी दुख की घड़ी से गुजर रहे हैं, इसलिए किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। न ही कार्यक्रम कराएंगे। अंतिम तैयारियों के दौर में उन्होंने कार्यक्रम स्थगित कराया और अटल जी की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए अपने विधायक पुत्र धर्मेंद्र शाक्य के साथ रवाना हो गए।