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स्मॉग से बढ़ी दमा और दिल के मरीजों को परेशानी

एनसीआर इलाके व प्रदेश के अन्य शहरों की तरह बदायूं भी प्रदूषण की चपेट में आ चुका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 12:17 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 12:17 AM (IST)
स्मॉग से बढ़ी दमा और दिल के मरीजों को परेशानी
स्मॉग से बढ़ी दमा और दिल के मरीजों को परेशानी

जागरण संवाददाता, बदायूं : एनसीआर इलाके व प्रदेश के अन्य शहरों की तरह बदायूं भी प्रदूषण की चपेट में आ चुका है। स्मॉग से जहां सांस व दमा के रोगियों को घुटन महसूस होने लगी है। वहीं आंखों में चुभन का भी लोगों को एहसास हो रहा है। खासकर शाम को सूर्यास्त के बाद दिक्कत और ज्यादा बढ़ जाती है। जिला अस्पताल में भी पिछले चार दिन में सांस के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। हालांकि धूप निकलने से मौसम कुछ साफ हो गया है।

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जानकारों के मुताबिक दिवाली पर पटाखों से हुआ धुआं समेत कचरे के ढेर में लगाई जाने वाली आग का प्रदूषण इसलिए खत्म नहीं हो पा रहा, क्योंकि यह सिलसिला जमीन पर जारी है। पटाखे नहीं चल रहे लेकिन वाहनों से निकल रही कार्बन पार्टिकल्स भी ओजोन परत पर जाकर एकत्र हो रही है। मौसम में नमी आने के कारण यह धुंध आसमान को पूरी तरह से घेरे हुए है। दिन में धूप के कारण लोगों को कुछ राहत मिलती है, लेकिन रात के वक्त स्मॉग और ज्यादा बढ़ जाता है। जिला अस्पताल में भी अधिकांश डॉक्टर व स्टाफ मास्क लगाकर ही इलाज कर रहे हैं।

दिल के मरीजों को खतरा बढ़ा

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश वर्मा के अनुसार स्मॉग के कारण दिल के मरीजों को भी खतरा बढ़ गया है। क्योंकि यह कोहरा नहीं है बल्कि धूल और धुएं के कण नमी के कारण वातावरण में उड़ रहे हैं जो फेफड़ों के लिए काफी हानिकारक है। ऐसे में सांस लेने में दिक्कत होने पर खांसी आती है और धमनियां फूलती हैं। जोर लगने के कारण दिल को ज्यादा तेजी से रक्त संचारण करना पड़ता है। नतीजतन दिल और ब्लडप्रेशर के मरीजों को भी यह मौसम काफी हानिकारक है। वहीं, इस मौसम में दो पहिया वाहन चालकों को काफी दिक्कत हो रही है। स्मॉग के कारण आंखों में चुभन भी होने लगी है। इसके अलावा बच्चे और बुजुर्गों में पहले से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी है।


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