ठिठक गया कब्जे हटाने का मास्टर प्लान
शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बड़े-बड़े दावों के बीच कब्जे हटाने का मास्टर प्लान ठिठक गया।
बदायूं : शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बड़े-बड़े दावों के बीच कब्जे हटाने का मास्टर प्लान ठिठक गया। पालिका कर्मी महज दो दिन ही चला जेसीबी लेकर में घूमे और खानापूर्ति निभाते हुए बगैर किसी ठोस कारण इसे बंद कर दिया। जबकि इस बार मास्टर प्लान में प्रशासन भी शामिल था। ठोस कार्रवाई न होने की वजह से चर्चाएं हो रही हैं कि कुछ सफेदपोशों के दबाव में अतिक्रमण अभियान रोका गया है।
छोटे से शहर की सड़कें अतिक्रमण की वजह से सिकुड़ गई हैं। सड़कों पर अतिक्रमण का ऐसा जाल फैला है कि कब्जे हटाना पुलिस प्रशासन के साथ नगरपालिका के लिए भी टेढ़ी खीर है। अतिक्रमण हटाने के लिए शहर के गणमान्य लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी स्तर पर ठोस पहल नहीं बन पा रही है। वहीं, जाम की गंभीर होती समस्या को गंभीरता से लेते हुए डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने शहरवासियों को इस नर्क से मुक्ति दिलाने के लिए रणनीति बनाई और खुद ही अतिक्रमण हटवाने भी निकले। इस बीच डीएम को सड़क पर देखकर नगर पालिका इसमें बीच में आ गई और पूरा अतिक्रमण हटवाने का दावा करते हुए जिला प्रशासन के सहयोग से मास्टर प्लान तैयार किया। पालिका और जिला प्रशासन के दावों से माना जा रहा था कि अबकी बार अतिक्रमण का दंश खत्म हो जाएगा। तय तारीख पर पालिका ने अभियान की शुरूआत की लेकिन दो दिन चला यह अभियान हवा-हवाई साबित हो गया। जहां हटाया, वहां फिर कब्जे
हैरत की बात यह है कि जिन स्थानों से अतिक्रमण हटवाया गया था वहां पर फिर से अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया। वर्जन
- टीम तैयार है, अभियान दो दिन के लिए किसी कारणवश रोकना पड़ा था। अब फिर से अभियान चलाया जाएगा। इस बार शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराकर ही दम लेंगे।
संजय तिवारी, ईओ नगरपालिका