स्वयं इलाज मांग रहीं हैं एंबुलेंस
जिले में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रहें और मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मिले।
बदायूं : जिले में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रहें और मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मिले। शासन की इस मंशा को जिले में पलीता लग रहा है। वजह है कि यहां की एंबुलेंस व्यवस्था लाइलाज होती जा रही है। जिले में मौजूद एंबुलेंस रखरखाव के अभाव में कबाड़ होती जा रही हैं। जबकि जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने से गुरेज रख रहे हैं। जिले में 54 सरकार एंबुलेंस हैं। इनमें 47 एंबुलेंस हेल्पलाइन नंबर 108 से संचालित हैं। जबकि बाकी की सात एंबुलेंस प्रसूताओं की सुविधा के लिए लगाई गई हैं। इनके अलावा दो एएलएस एंबुलेंस भी हैं, जिनमें जीवन रक्षक प्रणाली से जुड़े संसाधन मौजूद हैं। जिक्र मौजूदा हालात का करें तो 108 हेल्पलाइन से जुड़ी अधिकांश एंबुलेंस कंडम हो चुकी हैं। किसी के गेट टूटे हुए हैं तो किसी की लाइटें समेत हूटर खराब हैं। कई एंबुलेंस तो ऐसी भी हैं जो स्टार्ट होने में काफी वक्त लेती हैं और अक्सर धक्का लगाने की नौबत भी आ जाती है।
इंसेट
एएलएस की हालत दुरुस्त
- जिले को मिलीं दो एएलएस एंबुलेंस की हालत दुरुस्त है। दोनों में आक्सीजन के साथ ही ब्लड प्रेशर मशीन, पल्स प्रोजक्टर आदि सुविधाएं हैं। जबकि बाकी की एंबुलेंस में आक्सीजन तक के लाले पड़े हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह रहा है कि सपा शासन में हादसे में घायल हुए बिलारी विधायक की आक्सीजन के अभाव में एंबुलेंस में ही मौत हुई थी। हालांकि बाद में उस एंबुलेंस के स्थान पर दूसरी एंबुलेंस दिखाकर जांच में खेल करने की भी चर्चाएं उड़ी थीं। वर्जन
एंबुलेंस की व्यवस्थाएं जल्द सुधरवाई जाएगी। छोटी-मोटी कमियां दुरुस्त करा दी जाती हैं। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सर्वे कराकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। ताकि मरीजों को परेशानी न होने पाए।
- डॉ. मंजीत ¨सह, प्रभारी सीएमओ
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