आटोलिफ्टिग से शुरू हुआ था अखिलेश का आपराधिक सफर
बरेली की जेल में बंद शातिर बदमाश राजकुमार से हुई एक मुलाकात ने अखिलेश को बदमाश बना दिया।
संस, बिसौली : बरेली की जेल में बंद शातिर बदमाश राजकुमार से हुई एक मुलाकात ने अखिलेश को बदमाश बना दिया। आटोलिफ्टिग से लेकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय मिश्र की हत्या के बाद उसने अपराध की दुनिया में जो कदम बढ़ाए तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हरदोई में हुए एनकाउंटर की क्षेत्र में चर्चा है।
बदायूं के थाना फैजगंज बेहटा के गांव सैंडोला निवासी अखिलेश पुत्र जीतपाल यादव रविवार की रात को हरदोई के मझेला पुल पर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। जिसमे पुलिसकर्मी भी घायल हुए। परिजनों को सोमवार को सुबह सोशल मीडिया पर यह जानकारी हुई। परिजन हरदोई से शव लेकर गांव पहुंचे। मंगलवार की सुबह अंतिम संस्कार कर किया गया। दर्ज थे नौ मुकदमें
उस पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय मिश्र की हत्या सहित नौ मुकदमें दर्ज थे। जिनमें पहला मुकदमा थाना फैजगंज बेहटा में बाइक चोरी का दर्ज हुआ। बदायूं जिले में पांच, बरेली और हरदोई में दो-दो मुकदमें दर्ज हुए। बरेली में खरीदना चाहता था घर
अखिलेश चार भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसके दो बेटियां हैं। हाईस्कूल पास अखिलेश गांव में खेतीबाड़ी करता था। परिजनों ने बताया कि वह बरेली में ही मकान खरीदना चाहता था। ग्राम प्रधान की बाइक लेकर चार दिन पहले बरेली गया था। अखिलेश बरेली में शांति विहार कोलानी में भुवनेश सिंह के यहां पर रूका। छोटे भाई पुष्पेंद्र ने बताया कि 20 अक्टूबर को अखिलेश बरेली में ही था। दोपहर दो बजे एक मोबाइल पर एक कॉल आयी। कॉल रिसीव करने के बाद अखिलेश ने फटाफट कपड़े पहने और अपने मित्र भुवनेश से जल्दी वापस आने की बात की। इसके बाद उसके एनकाउंटर की जानकारी हुई।
क्या बोले परिजन
मेरे लाल को पुलिस वालों ने घेरकर मार डाला। कोर्ट कचहरी जाकर दोषी पुलिस वालों को सजा दिलाई जाएगी।
सीतादेवी, मां दोषी पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बेटे हत्यारों को सजा दिलाई जाएगी।
जीतपाल यादव, पिता