तकनीकी ज्ञान लेकर वक्त के साथ चलें किसान : डीएम
बदायूं : कादरचौक ब्लॉक के दबरई गांव में लगी किसान पाठशाला में किसानों को आय दोगुनी करने के तौर-तरीके
बदायूं : कादरचौक ब्लॉक के दबरई गांव में लगी किसान पाठशाला में किसानों को आय दोगुनी करने के तौर-तरीके समझाए गए। डीएम दिनेश कुमार ¨सह ने कहा कि किसान अपने खेतों में वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करें। मृदा परीक्षण कार्ड के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें। द मिलियन स्कूल तीन दिवसीय जनपद में 136 न्याय पंचायतों में सुबह 9 बजे से 11 बजे तक आयोजित की जा रही है।
किसान पाठशाला का उद्घाटन महिला किसानों से कराने के बाद डीएम ने कहा कि 7 बाई 3 बाई एक मीटर का गड्ढा बना कर उसमें घर का कूड़ा करकट डालकर कंपोस्ट खाद बनाकर खेतों में प्रयोग करें। कंपोस्ट खाद इस्तेमाल करने से खेती में पैदावार बढ़ेगी लागत कम आएगी तथा लोगों को बीमार कम होगें फसल उत्पादन का मूल्य बाजार में ज्यादा मिलेगा। उन्होंने किसानों को बताया कि कंपोस्ट खाद के गड्ढे के लिए 6 हजार का अनुदान सरकार देती है शेष पैसा किसान अपने पास से लगाकर कंपोस्ट खाद बनाना प्रारंभ कर दें। गांव में लगभग 25 लोगों के कंपोस्ट खाद के गड्ढे बन गए हैं तथा शेष 25 गड्ढों को जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार चाहती है कि खेतों में यूरिया डीएपी का प्रयोग कम किया जाए कंपोस्ट खाद का ज्यादा किया जाए। कंपोस्ट खाद से खेतों उर्वरा शक्ति बढ़ती है और रसायन के प्रयोग से खेतों मे उत्पादन शक्ति कम होती है। किसानों मृदा परीक्षण कार्ड के अनुसार खेतों में रसायनों का प्रयोग करें। खाद खरीदें तो रसीद जरूर लें
पाठशाला में किसानों से कहा कि यहां सीखने के बाद गांव गांव जाकर अन्य किसानों को भी तकनीकी खेती के बारे में जानकारी अवश्य दें। उन्होंने किसानों से कहा कि जहां भी खाद खरीदें वहां पर रसीद अवश्य प्राप्त करें, रसीद देने में दुकानदार इनकार करे तो तत्काल वहीं से अवगत कराएं उसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
कूड़ा करकट से उत्पन्न खाद में 92 प्रकार के तत्व
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि यूरिया में सिर्फ एक तत्व होता है घर के कूड़ा करकट से उत्पन्न खाद में 92 प्रकार के तत्व होते हैं। खेतों में फसल को सिर्फ 17 तत्वों की आवश्यकता होती है। इसीलिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा अपने खेतों में घर के कूड़ा करकट की खाद बनाकर डालना चाहिए। उन्होंने बताया कि घूरा की खाद खेत में तीन वर्ष तक कार्य करती है। किसान अपना केसीसी एक साल से पहले रिन्यूवल करते रहे जिससे उन पर ब्याज कम पड़ेगा। मुख्य विकास अधिकारी संदीप कुमार ¨सह ने ब्लाक सालारपुर के गांव मलिकपुर में किसान पाठशाला आयोजित की।