नहीं बढ़ी ट्रांसफार्मरों की क्षमता, गेहूं सिचाई होगी प्रभावित
ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ोत्तरी का काम पूरा नहीं होने से जिले में इस बार भी गर्मी के मौसम में लो वोल्टेज की समस्या रहेगी। इससे जहां एक ओर सिचाई प्रभावित होगी। वहीं लोग भी पसीना-पसीना होते रहेंगे।
जागरण संवाददाता, बदायूं : ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ोत्तरी का काम पूरा नहीं होने से जिले में इस बार भी गर्मी के मौसम में लो वोल्टेज की समस्या रहेगी। इससे जहां एक ओर सिचाई प्रभावित होगी। वहीं लोग भी पसीना-पसीना होते रहेंगे।
सौभाग्य योजना के तहत जिले में पिछले साल तकरीबन 98 हजार कनेक्शन बांटे गए थे, लेकिन अभी तक अधिकांश उपभोक्ताओं के बिल नहीं पहुंच रहे हैं। इधर, इतनी भारी मात्रा में कनेक्शन बांटे जाने के कारण जिलेभर में ओवरलोडिग की समस्या हो गई थी। सभी ट्रांसफार्मरों पर अतिरिक्त भार होने पर लो वोल्टेज भी रहने लगे। नतीजतन नलकूपों ने भी पानी उगलना बंद कर दिया। ऐसे में शासन स्तर से ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की सूचना मांगी गई। चिह्नित करने के बाद भी क्षमता बढ़ोत्तरी की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
गेहूं की पैदावार होगी प्रभावित
जिले में 2.27 लाख हेक्टेयर गेहूं का रकबा है। मार्च में गर्मी शुरू हो जाएगी और मार्च के अंत में गेहूं की फसल को आखिरी बार पानी लगाने की जरूरत पड़ेगी। जबकि ओवरलोडिग के चलते नलकूप नहीं चल सकेंगे। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ना लाजिमी है।
साढ़े चार सौ ट्रांसफार्मरों की बढ़ना थी क्षमता
- जिले में तकरीबन साढ़े पांच हजार ट्रांसफार्मर मौजूद हैं। विद्युत विभाग ने साढ़े चार सौ ट्रांसफार्मर चिह्नित किए थे। सभी ट्रांसफार्मर ओवरलोडिग से जूझ रहे थे। इनमें अधिकांश देहात इलाकों के थे। शहर के तो 27 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ा दी गई लेकिन देहात इलाके में स्थिति जस की तस है।