जेल गया जानलेवा हमले का आरोपित बरेली का गौरव
फोटो - 5 बीडीएन - 51 - बरेली से हिरासत में लिया बदायूं शहर से दिखाई गिरफ्तारी - शुरू
फोटो - 5 बीडीएन - 51 - बरेली से हिरासत में लिया बदायूं शहर से दिखाई गिरफ्तारी - शुरूआत से ही मामले में दिख रही क्राइमब्रांच की कारगुजारी जागरण संवाददाता, बदायूं : क्राइम ब्रांच बदायूं ने बुधवार को जानलेवा हमले के आरोप में सीओ तृतीय के दफ्तर के बाहर से अरमान उर्फ गौरव को पकड़ा था। गुरुवार को पुलिस लाइन चौराहे से उसकी गिरफ्तारी दिखाकर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने चालान किया। बरेली की अदालत में आरोपित को पेश किया। जहां से आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। ऐसे में कहीं और से पकड़कर दूसरी जगह से गिरफ्तारी दिखाने पर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। बरेली के थाना बिथरी क्षेत्र के चंदपुर गांव निवासी लखपत सिंह के बेटे गौरव को पुलिस ने तैयदपुर निवासी मुनेंद्र गंगवार की कार पर फायरिग मामले में आरोपित बनाया। विवेचक बदायूं क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर भरत वर्मा ने साक्ष्यों के आधार पर बरेली पुलिस के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से आरोपित की धरपकड़ की। बताया जा रहा है, रिश्ते के चाचा के साथ बंधक बनाने के मामले में गौरव सिंह अरमान बयान दर्ज कराने बरेली में सीओ तृतीय के दफ्तर गया था। क्राइम ब्रांच को जब यह पता चला तो टीम बरेली के लिए रवाना हो गई। सीओ के दफ्तर के बाहर से गौरव सिंह अरमान को गाड़ी में डालकर बदायूं ले आया गया। सिविल लाइंस थाने की हवालात में बंद कर दिया। मुझे नहीं पता मैंने किसे पकड़ा
सिविल लाइंस थाने की हवालात में गौरव को बंद करने के बाद विवेचक यह भूल गए कि आखिरकार उन्होंने किसे गिरफ्तार किया। उनसे पूछा गया तो बताया कि उन्हें नहीं पता कि किसकी और क्यों धरपकड़ हुई है। देर रात तक उन्होंने इसकी जानकारी एसएसपी को भी नहीं दी थी। क्योंकि एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी को भी जानकारी नहीं थी कि क्राइमब्रांच ने किसी को पकड़ा है। पुलिस लाइन से दिखाई गिरफ्तारी
शुरूआती लिखापढ़ी में विवेचक ने यह दिखाया है कि उन्हें पता लगा था कि अरमान बरेली में सीओ तृतीय के दफ्तर में है, उसे तलाशने गए लेकिन वो वहां नहीं मिला। इसके बाद वह बदायूं में अपने रिश्तेदार से मिलने आया और यहां पुलिस लाइन चौराहे से उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया। वर्जन
गौरव नाम के युवक की गिरफ्तारी क्राइमब्रांच ने की थी। इसके बाद टीम उसे अदालत में पेश करने बरेली ले गई थी। इतना तो पता है कि कोई जानलेवा हमले का मामला था, इसके अलावा अन्य तथ्य विवेचक को ही पता होंगे।
ओपी गौतम, एसएचओ सिविल लाइंस