आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी करेंगी मलेरिया की जांच
- सभी आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को दी जाएगी आरडीटी किट - मलेरिया प्रभावित ब्लॉकों
- सभी आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को दी जाएगी आरडीटी किट
- मलेरिया प्रभावित ब्लॉकों में जांच कराने पर स्वास्थ्य विभाग का जोर
जागरण संवाददाता, बदायूं : कोरोना महामारी के बीच मलेरिया से बचाव की गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आरडीटी किट दी जाएगी, जिससे गांवों में सर्वे के दौरान वे मलेरिया की जांच कर सकेंगी। मलेरिया से बचाव कार्यों के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ पंचायती राज विभाग, बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जांच के दायित्व भी दिए जा रहे हैं। मलेरिया प्रभावित सभी ब्लॉकों में आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के लिए आरडीटी किट दी जाएगी ताकि वह अपने-अपने गांवों में मलेरिया की जांच कर सकें। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही मलेरिया पॉजिटिव का इलाज संबंधित सीएचसी और पीएचसी पर होगा। मलेरिया से निपटने के लिए मलेरिया और स्वास्थ्य विभाग ने इंतजाम शुरू कर दिए हैं। चूंकि यह बीमारी जून, जुलाई में ज्यादा प्रकोप दिखाती है इसलिए पहले से ही इंतजाम कर लिया गया है। आरडीटी किट मलेरिया प्रभावित ब्लॉकों में दी गई हैं। आठ हजार किटों में से संबंधित गांवों की आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी किट दी जा रही हैं। उनसे बुखार का मरीज मिलने पर उसकी जांच करने को कहा गया है। वह पॉजिटिव मरीज आने पर उनका इलाज शुरू कराएंगी। बीमारी को देखते हुए सभी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने गांव के हर घर में निगरानी रखकर यह देख लें कि किसी को बुखार, जुकाम और खांसी तो नहीं है। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर पहले मलेरिया की जांच होगी, रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसकी कोरोना की भी जांच कराई जा सकती है। जून के पहले सप्ताह में ही पूरी तैयारी के साथ सभी टीमें गांवों में फील्ड वर्क करती दिखाई देंगी। वर्जन..
मलेरिया से निपटने के पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं। मलेरिया प्रभावित ब्लॉकों की आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी आरडीटी किट से संदिग्ध मरीजों की जांच कर सकती हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उस मरीज को फिर से देखेगी और उसका समय से इलाज कराएगी।
- कुमार प्रशांत, डीएम