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आजम खां के खिलाफ जिला सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर

कश्मीर पर विवादित बयान के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ फिर कोर्ट में रिवीजन दायर हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 12:28 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 12:28 AM (IST)
आजम खां के खिलाफ जिला सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर
आजम खां के खिलाफ जिला सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर

बदायूं : कश्मीर पर विवादित बयान के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां पर चल रहा मुकदमा खारिज हो जाने के बाद वादी उज्ज्वल गुप्ता ने अब जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में रिवीजन दायर कर चुनौती दी है। प्रभारी सत्र न्यायाधीश अलका श्रीवास्तव ने रिवीजन एडमिट करते हुए राज्य सरकार व आजम खां को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। सुनवाई के लिए 16 जुलाई तारीख नियत की है। रिवीजन में सीजेएम के तीन अप्रैल के आदेश को निरस्त करने प्रार्थना की।

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मामला आठ साल पुराना 21 दिसंबर 2010 का है। बदायूं में आने के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सपा नेता आजम खां ने कश्मीर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि तत्कालीन केंद्र सरकार के पास एक ही मुस्लिम मंत्री गुलाम नवी आजाद हैं, वह भी उस कश्मीर के जिसका भूगोल पता नहीं कि वह भारत में है या फिर पाकिस्तान में। उज्जवल गुप्ता पुत्र राजेंद्र ने इसे राष्ट्रद्रोह मानते हुए कोतवाली सदर में तहरीर दी। जब उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई, तब उन्होंने सीजेएम कोर्ट में धारा 156(3) की अर्जी देकर रिपोर्ट दर्ज कराने की प्रार्थना की। सीजेएम ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए थानाध्यक्ष कोतवाली को आदेशित किया कि वह रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करें। तब पुलिस ने यह कहते हुए इस मामले में फाइनल रिपोर्ट तीन मई 2012 को लगा दी कि वादी ने उन्हे साक्ष्य ही उपलब्ध नहीं कराए। तब उज्जवल ने कोर्ट में प्रोटेस्ट अर्जी देते हुए फाइनल रिपोर्ट खारिज करने की प्रार्थना की। तत्कालीन सीजेएम ने 24 मई 2013 को पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज करते हुए पुन: विवेचना करने व न्यूज चैनलों से कैमरा एकत्र करने का आदेश दिया। जब पुलिस ने विवेचना में प्रगति नहीं की, तो वादी ने कोर्ट में पुलिस से प्रगति आख्या मांगने के लिए अर्जी की। तब पुलिस पुन: 9 जून 2013 को दूसरी वार फाइनल रिपोर्ट दाखिल की। तब वादी ने पुन: प्रोटेस्ट अर्जी देते हुए, दूसरी फाइनल रिपोर्ट को खारिज करने की प्रार्थना की। तब सीजेएम ने दूसरी फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर मुकदमे को परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया।

जिसके तहत सीजेएम कोर्ट में वादी उज्जवल गुप्ता के अलावा, केशव नाथ वैश्य, अभिषेक मिश्रा, विवेक गुप्ता, अतुल रस्तोगी के धारा 202 के तहत बयान दर्ज किए। कोर्ट में इसके बाद कई बार बहस भी हुई। तीन अप्रैल 2018 को सीजेएम अमर जीत ने वादी उज्जवल गुप्ता के परिवाद को धारा 203 को खारिज कर दिया था।

गुरुवार को उज्जवल गुप्ता की ओर से उनके अधिवक्ता राजीव शर्मा ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सीजेएम के 3 अप्रैल 2018 के आदेश के विरूद्ध रिवीजन दायर उक्त आदेश को खारिज करने की प्रार्थना की है। जिस पर प्रभारी सत्र न्यायाधीश अल्का श्रीवास्तव ने सुनवाई करते हुए उसे एडमिट कर लिया। उक्त रिवीजन में राज्य सरकार व आजम खां सपा नेता निवासी रामपुर को प्रति उत्तरदाता बनाया गया है। मामले की सुनवाई 16 जुलाई को होगी। खत्म नहीं हुई आजम खां मुसीबतें

- 3 अप्रैल 2018 को सीजेएम के आदेश से आजम खां को बड़ी राहत मिली थी। कोर्ट ने उनको तलब करने का मुकदमा खारिज कर दिया था। गुरुवार को एक बार फिर यह मामला उठ गया है। रिवीजन स्वीकार हो जाने से उनकी मुसीबत फिर बढ़ गई है।


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