तय्यूब ने दान की जमीन, बनेगा मंदिर.विराजेंगे देव
नाधा निवासी किसान ने गांव में मंदिर निर्माण के लिए दी 0.00281 हेक्टेयर भूमि दान दी है। महंत के नाम बैनामा,
नाधा निवासी किसान ने गांव में मंदिर निर्माण के लिए दी 0.00281 हेक्टेयर भूमि
महंत के नाम बैनामा, पैमाइश के बाद भजन कीर्तन के बीच हुआ भूमिपूजन
नाधा (बदायूं) : सियासत की बांटी हुई नफरत ने मजहबों को बांटने की बहुत कोशिश कीं, लेकिन जीतता अमन और भाईचारे का जज्बा ही है। ऐसी ही एक मिसाल कायम की जरीफ नगर क्षेत्र के गांव नाधा निवासी तय्यूब अली ने। इस मुस्लिम ने गांव के ¨हदू परिवारों के लिए मंदिर बनाने की खातिर अपनी जमीन दान कर दी। शुक्रवार को तहसील से औपचारिक पैमाइश के साथ निर्माण का श्रीगणेश भी हो गया।
नाधा गांव सहसवान-इस्लामनगर हाईवे पर स्थित है। इसी गांव निवासी नन्हू अली के पुत्र हैं तय्यूब अली। जाति से पठान तय्यूब भी पिता की तरह खेती-बाड़ी करते हैं। गांव में ¨हदू समुदाय के लोगों को भक्ति कार्यक्रम, त्योहार आदि के लिए दूर के मंदिर जाना पड़ता था। तब तय्यूब ने मंदिर बनाने के लिए अपनी जमीन देने की पेशकश की। किसी को अचरज हुआ तो कई ने आशंकाएं भी जताई। आखिर भाईचारे और शांति के सद्विचार ने सारी आशंकाओं को बलहीन कर दिया।
पांच लाख है कीमत, महंत के नाम कराया बैनामा
गांव के गाटा संख्या 67 से 281.03 वर्गमीटर जमीन का बैनामा पूजन-पाठ करने वाले बाबा अजयदास महाराज के नाम कराया है। इस भूमि की बाजार कीमत लगभग पांच लाख रुपये से अधिक है। शुक्रवार को राजस्व विभाग से कानूनगो गोवर्द्धन सिंह और जरीफनगर थानाध्यक्ष पंकज लवानिया की मौजूदगी में इसकी नापजोख कर दी गई।
गांव वालों ने किया भजन कीर्तन, मिला सहयोग
मंदिर की जगह मिलने पर भूमिपूजन हुआ। गांव के सभी वर्ग के लोगों ने रात में भजन-कीर्तन किया। तय्यूब अली के जमीन दान करने के बाद अन्य लोग भी सहयोग को आगे आने लगे। अरुण गुप्ता ने हैंडपंप व सबमर्सिबल के लिए, कोठा निवासी कुंवरपाल यादव ने ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए आर्थिक सहयोग दिया।
वर्जन..
अल्लाह और ईश्वर एक हैं
फोटो 25 बीडीएन 67 मैं अल्लाह और ईश्वर दोनों में आस्था रखता हूं। आखिर दोनों एक ही तो हैं। ¨हदू-मुस्लिम सभी मेरे भाई हैं। मैंने स्वेच्छा से मंदिर के लिए अपनी जमीन दान की है।-- तय्यूब अली एक मुस्लिम व्यक्ति ने मंदिर के लिए अपनी जमीन दान की है। यह अनूठी पहल है। ऐसे व्यक्ति को हम कोटि-कोटि धन्यवाद और आर्शीवाद देते हैं। प्रेम, शांति, भाईचारा ही ईश्वर और अल्लाह का मार्ग हैं।
-अजयदास महाराज