गर्मी में बिजली के झटके झेलेंगे 60 गांव
इस बार गर्मी में 60 गांवों के ग्रामीणों को बिजली रुलाएगी।
बदायूं : जिले में इस साल भी लगभग 60 गांवों की आबादी इस बार भी गर्मी में लो वोल्टेज और ट्रिपिग से जूझेगी। वजह है कि एक बिजलीघर को जमीन नहीं मिल सकी है। जमीन चिह्नित तो हो गई लेकिन हस्तांतरण की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। ऐसे में कम से कम जुलाई में यह प्रक्रिया पूरी हो सकेगी, इसके बाद बिजलीघर का निर्माण शुरू होगा।
वित्तीय वर्ष 2017-18 में शासन ने जिले में छह बिजलीघर स्वीकृत किए थे। ताकि अघोषित बिजली कटौती समेत लो वोल्टेज और बार-बार होने वाली ट्रिपिग से उपभोक्ताओं को निजात मिल सके। इसके तहत बिसौली में फैजगंज बेहटा, रामपुर रोड और सैदपुर में बिजलीघर बनाए जाने थे। बिल्सी के इस्लामनगर और रिसौली में दो बिजलीघर बनना थे। वहीं दातागंज के म्याऊं में भी एक बिजलीघर बनाया जाना था। अन्य बिजलीघरों का काम पूरा हो गया लेकिन रिसौली के लिए पूरे साल विद्युत विभाग के अधिकारी जमीन तलाशते रहे। ग्राम समाज की जमीन मिली भी लेकिन प्रशासनिक स्तर पर हुई हीलाहवाली में यह मामला उलझता चला गया। प्रत्येक बिजलीघर को तीन से चार करोड़ मिले
प्रत्येक बिजलीघर को तीन से चार करोड़ रुपये का बजट भी जारी हुआ था। इसमें भवन निर्माण से लेकर ट्रांसफार्मर और मशीनें आना थीं। बिजलीघर की क्षमता 10 एमवीए निर्धारित की गई थी। इसलिए और बढ़ गई दिक्कत
सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने के अभियान में रिसौली बिजलीघर से पोषित गांवों में भी लगभग साढ़े चार हजार नए कनेक्शन हुए हैं। पहले से ही यहां लो वोल्टेज की समस्या के कारण किसानों के नलकूप नहीं चल पाते थे। जबकि ट्रिपिग के कारण लोग चैन की नींद नहीं ले पाते थे। नया लोड बढ़ने के कारण हालात और खराब हो चुके हैं। वर्जन ::
बिजलीघर को जमीन तो चिह्नित कर ली गई है लेकिन हस्तांतरण रह गया है। यह प्रक्रिया आचार संहिता खत्म होने के बाद होगी। इसी के बाद भवन निर्माण शुरू होगा। - मधुप कुमार, अधीक्षण अभियंता