45 लाख के गबन में बर्खास्त लिपिक की बहाली आदेश में फंसा पेच
लाखों के गबन के मामले में बर्खास्त लिपिक पर अब एक और गंभीर आरोप लगा है।
उसावां : वर्ष 2015 में 49 लाख गबन के मामले में बर्खास्त नगर पंचायत के लिपिक रामवीर सिंह की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। अब लिपिक पर अपने पक्ष में फर्जी बहाली आदेश जारी करा लेने का आरोप लगा है। चेयरमैन धीरेंद्र पाल गुप्ता ने लिपिक द्वारा फर्जी लेटर जारी करने की शिकायत डीएम से की है। शिकायत पर डीएम ने एसडीएम दातागंज के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। जांच टीम ने बुधवार को नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर जरूरी दस्तावेजों की पड़ताल की।
टीम ने पूर्व चेयरमैन रामप्रकाश कश्यप, शिकायतकर्ता वर्तमान चेयरमैन धीरेंद्र पाल गुप्ता और कार्यालय के कर्मियों के लिखित बयान दर्ज किए। आरोपित लिपिक से भी दूरभाष पर संपर्क कर आने को कहा, लेकिन वह दफ्तर नहीं पहुंचे। यदि जांच में बहाली आदेश फर्जी साबित हुआ तो लिपिक पर फिर कार्रवाई होना तय है। पूर्व चेयरमैन रामप्रकाश कश्यप के कार्यकाल 2015 में नगर पंचायत के तत्कालीन लिपिक रामवीर सिंह पर 49 लाख के गबन का आरोप लगा था। उस समय जांच में आरोप सही पाए गए तो लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया था। लिपिक रामवीर सिंह ने प्रयागराज हाईकोर्ट में परिवाद दायर किया। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर पंचायत उसावां को लिपिक के मामले में पुन: जांच के आदेश दिए थे। आरोप है कि इसी दौरान निकाय चुनावों की आचार संहिता लग गई। लिपिक रामवीर ने पूर्व चेयरमैन रामप्रकाश कश्यप के फर्जी हस्ताक्षर से बहाली आदेश जारी कर लिया। जिसके आधार पर लिपिक बहाल हो गए। इसी बीच चुनाव हुआ और धीरेंद्र पाल गुप्ता अध्यक्ष चुने गए तो लिपिक ने अपने वेतन आहरण को दस्तावेज पेश किए। अभिलेखों में शामिल बहाली आदेश को संदिग्ध मानते हुए चेयरमैन ने वेतन आहरण पर रोक लगा दी। सितंबर वर्ष 2018 में डीएम से शिकायत कर लिपिक पर कार्यवाही की मांग की। इसी का संज्ञान लेते हुए डीएम ने एसडीएम कुंवर बहादुर सिंह और बीडीओ दातागंज को जांच के आदेश जारी किए। बुधवार को जांचकर्ताओं कार्यालय पहुंच लिपिक के खिलाफ जांच शुरू कर दी। क्या- बोले जिम्मेदार
प्रथम दृष्टया बहाली लेटर संदिग्ध है। बहाली पत्र पर पूर्व चेयरमैन रामप्रकाश कश्यप के हस्ताक्षर मैच नहीं हो रहे हैं। लिपिक को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
- कुंवर बहादुर सिंह, एसडीएम दातागंज वर्जन ::
मेरे द्वारा रामवीर के पक्ष में कोई बहाली पत्र जारी करने का सवाल ही नहीं उठता। मैंने महीनों की मशक्कत के बाद लिपिक पर कार्यवाही कर बर्खास्त कराया। रामवीर ने यह पूरा शिगूफा मेरी अनुपस्थिति में चुनाव के दौरान तैयार किया होगा। आचार संहिता की वजह से मेरा कार्यालय हस्तक्षेप खत्म हो गया था।
- रामप्रकाश कश्यप, पूर्व चेयरमैन वर्जन ::
मुझे बहाली लेटर पर संदेह हुआ था। इसकी शिकायत मैंने जिलाधिकारी से की । जांच शुरू हो गई है । जांच रिपोर्ट में बहाली फर्जी साबित हुई तो लिपिक के खिलाफ फिर कार्रवाई की जाएगी।
- धीरेंद्र पाल गुप्ता, चेयरमैन
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