पिकअप प्वाइंट से लिया सिलिडर तो जेब से जाएंगे 27 रुपये
जिले में गैस माफिया खुलकर हावी हो गया है। यहां तक कि एजेंसी संचालक भी इसी की थीम पर काम करते नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि ग्राहक चाहें गोदाम से आकर सिलिडर ले या पिकअप प्वाइंट से। या फिर होम डिलीवरी हो 27 रुपये की चपत ग्राहक को लगना तय है। क्योंकि एजेंसी संचालकों का यह इंकम का धंधा बन चुका है। मसलन एक गोदाम से एक दिन में एक हजार सिलिडर गए तो संचालक को 27 हजार रुपये की इंकम बिना किसी विवाद के हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में गैस माफिया खुलकर हावी हो गया है। यहां तक कि एजेंसी संचालक भी इसी की थीम पर काम करते नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि ग्राहक चाहें गोदाम से आकर सिलिडर ले या पिकअप प्वाइंट से। या फिर होम डिलीवरी हो, 27 रुपये की चपत ग्राहक को लगना तय है। क्योंकि एजेंसी संचालकों का यह इंकम का धंधा बन चुका है। मसलन एक गोदाम से एक दिन में एक हजार सिलिडर गए तो संचालक को 27 हजार रुपये की इंकम बिना किसी विवाद के हो जाएगी।
गैस एजेंसी संचालकों ने ग्राहकों की जेब पर डाका डालने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। आलम यह है कि गोदाम से सौ से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर पिकअप प्वाइंट तक बना दिए गए हैं। ताकि ग्राहकों को थोड़ी सी सहूलियत मिले और इसके बदले उनकी जेब के 27 रुपये एजेंसी संचालक की जेब में आ जाएं। उस पर भी यह वाहवाही लूटने को मिले कि संबंधित एजेंसी की ओर से पिकअप प्वाइंट ग्राहकों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। कुल मिलाकर दिनदहाड़े ग्राहकों की जेब पर डाका जा रहा है। जबकि जिम्मेदार खुद सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं। वजह है कि जिम्मेदारों की भी बराबरी की हिस्सेदारी इस गोरखधंधे में है।
गोदाम से लीजिए सिलिडर बचाइये 27 रुपये
- ग्राहकों को अब जागरूक होने की जरूरत है, इसलिए उन्हें चाहिए कि किसी प्वाइंट से नहीं बल्कि सीधे गोदाम से सिलिडर लें। इस दौरान उन्हें 27 रुपये का फायदा होगा। गुमराह करने के लिए बनाए गए प्वाइंटों से सिलिडर लेना अपनी जेब पर बोझ डालने से कम नहीं है। एजेंसी संचालक खुद नहीं बताते
- गोदाम से सिलिडर लेने वाले ग्राहकों को एजेंसी संचालक खुद यह नहीं बताते कि उन्हें कैसे लाभ मिलेगा। रिबेट वाली बुकिग पर्ची तो थमा दी जाती है लेकिन सही जानकारी इस लिहाज से नहीं दी जाती,ताकि उनकी जेब पर डाका डाला जा सके। इसके लिए किसी एजेंसी पर कोई नोटिसबोर्ड भी नहीं लगाया गया है।
घोटाले की कहानी उपभोक्ताओं की जुबानी हम तो हमेशा ही गोदाम से सिलिडर लेते हैं। कोई करीबी प्वाइंट भी नहीं बना है लेकिन पता नहीं था कि हर बार 27 रुपये का चूना लग रहा है।
- अली अल्वी एजेंसी संचालक अगर ईमानदारी बरतें तो कम से कम यह नोटिस बोर्ड पर तो लिखा सकते हैं लेकिन इस सुविधा की जानकारी ही नहीं दी जाती। यही वजह है कि ग्राहक लुट रहे हैं।
- अंकुश पटेल होम डिलीवरी का चार्ज वसूला जा रहा है। जबकि हम लोग अपना ईंधन और वक्त बर्बाद करके गोदाम तक जाते हैं। यह सरासर गलत है और अधिकारियों को एजेंसी संचालकों की इस हरकत पर अंकुश लगाना चाहिए।
- राजीव सक्सेना
ऐसी लूट-खसोट तो तकरीबन हर ग्राहक से हो रही होगी। जागरुक नहीं हुए तो ऐसे ही ग्राहक लुटते रहेंगे। बात 27 रुपये की नहीं है लेकिन जबरन जेब कैसे काटी जा सकती है।
- प्रिस गुप्ता
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