जिले में बुखार से 14 और लोगों की मौत
जिले में चल रहे बुखार के प्रकोप से लगातार लोगों की मौत हो रही है।
बदायूं : जिले में चल रहे बुखार के प्रकोप से लगातार लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक बुखार से आठ लोगों के मौत की बात स्वीकारी है। सीएमओ का कहना है कि जिले में लोगों की अन्य बीमारियों से भी मौत हो रही है। जहां भी बुखार फैलने की जानकारी मिल रही है वहां टीम भेजकर उपचार कराया जा रहा है।
प्रभारी सीएमओ डॉ. मंजीत ¨सह ने बताया कि जिले में अभी तक 35 मौतें हुई हैं। इनमें आठ मौत बुखार से होने की पुष्टि हुई है। बाकि के लोग अन्य बीमारियों से मरे हैं। कहा कि अब हर पांच हजार की आबादी पर एक ट्रेनी स्टाफ लगाकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निस्तारण कराया जाएगा। जिले में मौजूदा वक्त में सौ डॉक्टर हैं और 70 की कमी है। इसको पूरा करने के लिए शासन स्तर से कार्रवाई चल रही है। वहीं अभी तक 10 हजार 883 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण 21 टीमें ने किया है। इनमें 99 प्रतिशत मरीज मलेरिया के मिले हैं। अभी तक 102 मरीजों की स्लाइड बनाकर व 25 मरीजों के ब्लड सैंपल लखनऊ लैब को भेजे गए हैं। इस दौरान एसीएमओ डॉ. अनिल शर्मा व डॉ. कौशल गुप्ता भी मौजूद रहे। संस, दातागंज : तहसील क्षेत्र के गांव पोणे पलिया निवासी 55 वर्षीय आलेहसन व 40 वर्षीय रामू की भी बुखार से जान गई। आलेहसन शुक्रवार तो रामू की मौत शनिवार को हुई है। संसू, म्याऊं : गांव नवीगंज निवासी 75 वर्षीय बुधवार शुक्रवार सुबह अपने जानवरों को खेत परे ले गए थे। बुखार आने प परिजनों ने उन्हें दवा भी दिलाई लेकिन शनिवार को उनकी मौत हो गई। संसू, मूसाझाग : ब्लाक समरेर के तिगुलापुर गांव में राजेंद्र की बुखार की चपेट में आकर जान चली गई। जबकि सैकड़ों लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। संसू, सिलहरी : ब्लाक जगत क्षेत्र के गांव रुखड़ा खौला में बालिस्टर की नौ साल की बेटी शशी की शुक्रवार रात बुखार से मौत हुई है। वहीं सुखपाल की सात वर्षीय पुत्री प्रियंता भी बुखार की चपेट में आकर काल का ग्रस बनी। गांव की रामप्यारी, मायादेवी व खुशीराम के अलावा आशा देवी पत्नी प्रमोद कुमार, गांव नवाब नगला निवासी विशाल गांव परसुरा की चंपा देवी व गिधौल के राजेंद्र ¨सह की मौत हुई है।
चार दिन से डॉक्टर नदारद
संसू, कछला : पीएचसी कछला पर रोजाना मरीजों की लंबी लाइन लगती है। इनमें अधिकांश मरीज बुखार से ग्रसित हैं। जबकि चार दिन से यहां तैनात डॉक्टर सुयश दीक्षित नदारद हैं। ऐसे में वहां तैनात स्टाफ मरीजों को उझानी सीएचसी जाने को कहता है। ऐसे में मरीज झोलाछापों की शरण में जा रहे हैं।
भर्ती प्रसूताओं के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में लाइट व्यवस्था भी खराब पड़ी है। पंखे भी नहीं चलते ऐसे में हाथ के पंखे से हवा करना पड़ती है। वहीं अस्पताल परिसर में जलभराव भी है, जो बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है। नागरिकों ने सीएम को शिकायत कर यहां व्यवस्थाओं में सुधार की मांग उठाई है। इधर, एसीएमओ डॉ. मंजीत ¨सह ने बताया कि फिलहाल मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराकर जल्द ही सुविधाएं बहाल कराई जाएंगी। कई साल से बंद है स्वास्थ्य केंद्र
संसू, आसफपुर : ब्लाक क्षेत्र के गांव निजामुद्दीनपुर शाह में स्थित पीएचसी कई साल से बंद पड़ा है। जबकि इस इलाके म दर्जनों लोग बुखार से ग्रसित हैं। लोग झोलाछापों केते हुए भी जान जोखिम में डालने जा रहे हैं। वहीं आसफपुर तक की दौड़ लगाना पड़ती है। नागरिकों ने एसडीएम से स्वास्थ्य केंद्र खुलवाने की मांग की है।