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अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य आज

आजमगढ़ : लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व डाला छठ के दूसरे दिन सोमवार की शाम व्रतियों ने खरना किया। तीसरे दिन मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती पहला अ‌र्घ्य देंगे।जबकि बुधवार की पहली किरण निकलते ही दूसरा अ‌र्घ्य दिया जाएगा। उधर, शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में नदी व सरोवर के घाट पूजा के लिए पूरी तरह तैयार हो गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 12:17 AM (IST)
अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य आज
अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य आज

आजमगढ़ : लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व डाला छठ के दूसरे दिन सोमवार की शाम व्रतियों ने खरना किया। तीसरे दिन मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती पहला अ‌र्घ्य देंगी, जबकि बुधवार की पहली किरण निकलते ही दूसरा अ‌र्घ्य दिया जाएगा। उधर, शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में नदी व सरोवर के घाट पूजा के लिए पूरी तरह तैयार हो गए। बाजार में गन्ना, दउरी, फल, कोसिया सहित मिट्टी के बर्तन, फूलमाला आदि पूजन सामग्री की दुकानों पर खरीदारी के लिए काफी भीड़ रही। बाजार की रौनक बढ़ गई है। नदी किनारे स्थापित पूजा पंडालों में भगवान सूर्य व छठ मइया की प्रतिमा स्थापित होने लगी हैं।

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छठ पर्व पर व्रत रखने वाली व्रतियों के यहां खरना पर गुड़ व चावल से बने बखीर व रोटी मिट्टी के चूल्हे पर बनाए गए। महिलाओं ने व्यंजन तैयार किए जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया गया। मान्यता के अनुसार इस दिन रात में सभी व्रती जमीन पर पुआल का बिछावन डालकर सोते हैं। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निराजल उपवास शुरू होता है। पर्व को लेकर शहर के लगभग सभी मोहल्लों में छठ मइया से जुड़े गीत बजाए और सुने जा रहे हैं। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में छठ घाट पूजन के लिए पूरी तरह से सज-धजकर तैयार हो गए हैं। घाटों पर विद्युत झालरों की आकर्षक सजावट की गई है। कपड़े की दुकानों पर रही भीड़

रेडीमेड कपड़े की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। लोगों ने जमकर खरीदारी की। दुकानदारों की मानें तो इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा कपड़ों का बाजार काफी गर्म रहा। लोगों ने अपने बजट के हिसाब से खरीदारी की। छठ मइया के गीत

पर्व की अंतिम तैयारी को लेकर बाजारों में भीड़ रही। इस दौरान लोगों ने गन्ना, फल, ¨सघाड़ा, कच्ची हल्दी, सुथनी, बेर, नींबू एवं पूजा में प्रयोग की जाने वाली अन्य सामग्री की खरीदारी की। शहर हो या सड़क, गलियां हें या घर, हर जगह भक्ति का रंग बिखरा हुआ है। लोगों का भक्ति भाव और हर जगह बजते छठी मइया के गीत पर्व के महत्व को और बढ़ा दिया है। परदेश से लौटे लोग, मोहल्लों में बढ़ी चहल-पहल

छठ पर्व को लेकर परदेश में रहने वाले लोग अपने घरों को लौट आए हैं। ऐसे में शहर के विभिन्न मोहल्लों की रौनक और भी बढ़ गई है। शाम ढलने के साथ ही कभी सुनसान दिखने वाले क्षेत्रों में देर रात तक लोगों की आवाजाही से चहल पहल बढ़ गई है।


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