कलयुग का आगमन होते ही राजा परीक्षित की भ्रष्ट हो गई बुद्धि
नगर के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को प्रवचनकर्ता अनंताचार्य अशोक महाराज ने राजा परीक्षित को श्राप व कलयुग के आगमन की संगीतमय कथा को विस्तार पूर्वक सुनाया।
जासं, माहुल (आजमगढ़) : नगर के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को प्रवचनकर्ता अनंताचार्य अशोक महाराज ने राजा परीक्षित को श्राप व कलयुग के आगमन की संगीतमय कथा को विस्तार पूर्वक सुनाया। महाराज ने कहा कि कलयुग के आगमन होते ही राजा परीक्षित की बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। श्रृंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि जिस तरह तुमने एक ऋषि के गले मे मृत सर्प डाला है। यही सर्प आज से सातवें दिन तुम्हें डस लेगा और तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। कथा को सुनने के लिए पूरा पांडाल खचाखच भरा रहा। लोग इस कथा का देर रात तक आनंद लिया। इस मौके पर सुजीत जायसवाल आंसू, रामबाबू अग्रहरी, गोपाल अग्रहरी, मोहन मोदनवाल, संजय मोदनवाल आदि थे। रामकथा से मिलती है मन को शांति
जासं, जहानागंज (आजमगढ़) : क्षेत्र के तुलसीपुर स्थित बड़े ब्रह्मबाबा स्थान पर आयोजित नौ दिवसीय श्रीरामकथा के पांचवें दिन गुरुवार को मानस कोकिला किरण शास्त्री ने प्रवचन करते हुए कहा कि जो समाज में जोड़ने का काम करता है वही संत कहलाता है। संत अपने सद्गुणों से मधुरवाणी व सुविचार से हर किसी को प्रभावित कर सत्कर्म मार्ग पर चलने की सलाह देता है। कहा कि रामकथा सुनने व पढ़ने से मन को शांति व हृदय का शुद्धिकरण होता है। उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य से संत महात्माओं का सानिध्य प्राप्त होता है। पंडित गोविद शास्त्री ने कहा कि परमवीर हनुमान एक महान संत थे। उन्होंने जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ने का काम किया था। इस अवसर पर डा. मंगला सिंह, नरेंद्र प्रताप सिंह, विजय कुमार सिंह भक्कू, दिलीप मिश्र, अनिल मद्धेशिया आदि थे।