जलशक्ति संभालेंगी वर्षा जल संचयन की कमान
आजमगढ़ जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन की जिम्मेदारी अब जलशक्ति निभाएंगी। अभियान के अंतर्गत मंगलवार को नेहरू हाल के सभागार में एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन की जिम्मेदारी अब महिलाओं के हाथ में होगी। इसके लिए महिलाओं की जलशक्ति टीम बनेगी जो इसमें अहम भूमिका निभाएगी। अभियान के अंतर्गत मंगलवार को नेहरू हाल के सभागार में एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जल संकट आने वाले समय में सबसे बड़ी चुनौती है। इस पर गौर करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण व प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। बताया कि हर साल दूषित पानी से लाखों व्यक्ति बीमारियों से प्रभावित होते हैं। लाखों बच्चों की मात्र डायरिया से मौत हो जाती है। इसके अतिरिक्त पानी में फ्लोराइड एवं आर्सेनिक आदि से होने वाली बीमारियों में लोग त्वचा रोगों से प्रति वर्ष प्रभावित होते हैं। बताया कि जल संकट से निबटने के लिए जल संरक्षण व वर्षा के जल का संचयन करना आवश्यक हो गया है। इसके लिए हमें नदियों, तालाबों को बचाना जरूरी है। यदि नदी व तालाब समाप्त हो जाएंगे तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। जल संरक्षण के लिए तालाबों एवं नदियों किनारे पौधरोपण करना होगा। साथ ही जल संरक्षण में रेन वाटर हार्वेस्टिग, जल संरक्षण संबंधी प्रयास, बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर का पुन: उपयोग करना होगा। सचेत किया कि हमें जल का प्रयोग आवश्यकतानुसार ही करना चाहिए। उन्होंने डीसी मनरेगा बीबी सिंह से कहा कि आजीविका मिशन समूह की महिलाओं तक मनरेगा को अधिक से अधिक पहुंचाएं। मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला ने भी जल संरक्षण व वर्षा जल संचयन की संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर डीसी एनआरएलएम बीके मोहन सहित आजीविका मिशन समूह की महिलाएं थीं।
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जल संरक्षण को दिए यह सुझाव
जिलाधिकारी ने कहा कि आज कल घरों में टंकी भर जाने के बाद ओवर फ्लो होती रहती है जिसे हम लोग समय से बंद नहीं करते हैं। दाढ़ी बनाते समय नल की टोंटी खुली रहती है, गाड़ी भी हम सबमर्सिबल से ही धोते हैं। इससे अनावश्यक पानी बर्बाद होता है। यदि हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें, तो अनावश्यक पानी बर्बाद होने से बचा सकते हैं।इसलिए हम लोगों को जल संरक्षण के प्रति निरंतर प्रयास करने की जरूरत है।