टीबी मरीजों के लिए खड़ी होगी वार्ड में दीवार
जागरण संवाददाता बलरामपुर (आजमगढ़) मंडलीय जिला अस्पताल परिसर में बने टीबी क्लीनिक में मरी
जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़): मंडलीय जिला अस्पताल परिसर में बने टीबी क्लीनिक में मरीजों को भर्ती करने की कोई व्यवस्था नहीं है। वार्ड न होने के कारण मरीजों को भटकना पड़ता है। जिला अस्पताल में मरीजों को एक ही वार्ड में भर्ती किया जाता है। इस समस्या से निजात के लिए सामान्य वार्ड को दीवार खड़ी कर विभाजित करने का फैसला सीएमओ ने लिया है लेकिन इसकी जानकारी एसआइसी को नहीं है।
टीबी के मरीज भर्ती होने के लिए दर-दर भटकते रहते हैं। मरीजों को एक ही वार्ड मे भर्ती किया जाता है। टीबी जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को सामान्य वार्ड में भर्ती करने से दूसरे मरीजों में संक्रमण का खतरा बना रहता है। चार साल पूर्व टीबी के मरीजों का जिले में इलाज करा पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही थी। पहले मरीजों को हायर सेंटर जाना पड़ता था। तब सपा सरकार के कार्यकाल में 2016 में जिला अस्पताल परिसर में टीबी क्लीनिक तो बनाया गया और पूरे स्टाफ की तैनाती भी हुई लेकिन गंभीर मरीजों को भर्ती करने के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई। उनको साधारण मरीजों के साथ आज भी भर्ती किया जाता है। इससे साधारण मरीजों के लिए भी खतरा बना रहता है। सरकारें बदलती रहीं लेकिन मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से व्यवस्था नहीं की गई। चार से छह मरीज भर्ती रहते हैं।
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-जिला अस्पताल परिसर में टीबी क्लीनिक जरूर बना है लेकिन अभी तक मरीजों को भर्ती करने के लिए और अलग से वार्ड नहीं बना है। टीबी विभाग सीएमओ के अधीन आता है। अभी तक हमें टीबी के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाने की जानकारी नहीं है।
-डाक्टर अनूप कुमार सिंह, एसआइसी। ------------
-हमने एसआइसी से बात कर लिया है। जिला अस्पताल परिसर में मरीजों के लिए बने वार्ड के बीच दीवार बनाकर आधा टीबी के गंभीर मरीजों के लिए वार्ड बनाने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। इससे उन्हें सामान्य मरीजों से अलग रखने में सहूलियत होगी।
- एके मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी।