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जरूरत पर खेतों की ओर भागते हैं ग्रामीण

जागरण संवाददाता अंबारी (आजमगढ़) एक ओर स्वच्छता अभियान और दूसरी ओर ग्रामीण बाजारों में लोगों की जरूरतों की अनदेखी समस्या का कारण बन रही है। बाजार आने वाले लोग जरूरत पड़ने पर खेतों की ओर भागते हैं। क्योंकि सार्वजनिक शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। एक तरफ जहां सरकार गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए शौचालयों के निर्माण को प्रोत्साहन राशि दे रही है वहीं क्षेत्र की बाजारों में लोग एक अदद सुलभ शौचालय के लिए तरस रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 04:35 PM (IST)
जरूरत पर खेतों की ओर भागते हैं ग्रामीण
जरूरत पर खेतों की ओर भागते हैं ग्रामीण

जागरण संवाददाता, अंबारी (आजमगढ़) : एक ओर स्वच्छता अभियान और दूसरी ओर ग्रामीण बाजारों में लोगों की जरूरतों की अनदेखी समस्या का कारण बन रही है। बाजार आने वाले लोग जरूरत पड़ने पर खेतों की ओर भागते हैं। क्योंकि सार्वजनिक शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।

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एक तरफ जहां सरकार गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए शौचालयों के निर्माण को प्रोत्साहन राशि दे रही है, वहीं क्षेत्र की बाजारों में लोग एक सुलभ शौचालय के लिए तरस रहे हैं। अधिकांश बाजार किसी न किसी गांव में ही हैं। प्रधानों ने बताया कि बाजारों में शौचायल बनवाने को तैयार हैं। लेकिन उसके लिए धन की कोई व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र के जयप्रकाश यादव, रविन्द्र यादव, अमरेंद्र यादव, महफूज, संजय यादव, भोला यादव, श्यामबहादुर यादव, हरिराम, मनोज गुप्ता आदि का कहना है कि शौचालय न होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। खंड विकास अधिकारी पवई सर्वेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि बाजारों के लिए शौचालय की कोई सुविधा नहीं है। इसके लिए कोई आदेश नहीं मिला है।

फूलपुर : तहसील के अंदर नगर पंचायत द्वारा सुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया है लेकिन वह वकील या कर्मचारी के लिए है। बाकी लोगों को शुल्क देना होता हे। सीओ आवास को जाने वाली सड़क के बगल में सुलभ शौचालय है परंतु रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण है। अधिशासी अधिकारी संपूर्णानंद तिवारी का कहना है नगर पंचायत द्वारा नगर को स्वच्छ रखने के लिए प्रपोजल तैयार हो रहा है।

मार्टीनगंज : बाजार में कई गांवों से हजारों लोगों का आवागमन होता है लेकिन कहीं भी सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। समाजसेवी संगठन व क्षेत्रीय नेताओं से कई बार आग्रह किया गया पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई।


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