राम-रावण युद्ध का मंचन देख रोमांचित हुए दर्शक
जागरण संवाददाता आजमगढ़ विजयदशमी पर जगह-जगह राम-रावण युद्ध का मंचन देख दर्शक रोमांचित
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : विजयदशमी पर जगह-जगह राम-रावण युद्ध का मंचन देख दर्शक रोमांचित हो उठे। शहर के पुरानी कोतवाली रामलीला समिति द्वारा पुतला दहन नहीं किया गया जबकि जहानागंज और अहरौला में राम के हाथों मारे जाने के बाद रावण का पुतला दहन किया गया। इस दौरान लोगों ने श्रीराम नाम का जयकारा लगाया।
जहानागंज : क्षेत्र के बरहतिर जगदीशपुर रामलीला मंच पर रविवार को सुंदर कांड पाठ के साथ भजन-कीर्तन हुआ और राम-रावण युद्ध के मंचन के बाद दशानन का पुतला जलाया गया। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस वर्ष यहां रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया था लेकिन नवरात्र के पहले ही दिन से भजन-कीर्तन होता रहा। समिति के अध्यक्ष पंकज पांडेय ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष पहले की तरह से रामलीला का मंचन किया जाएगा। इस दौरान अतुल राय, जवाहिर राय, अनीश राय, सौरभ राय, सुनील राय, आशुतोष राय, छोटू राय, शुशील राय, अंबरेश राय, राजनारायण राय, रामप्रवेश राय आदि थे।
फूलपुर : दशहरा कमेटी के तत्वावधान में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान जी की झांकी रावण वध के लिए निकाली गई। वानरी सेना के साथ प्रभु श्रीराम दशहरा मैदान पहुंचे और वहां पहले मेघनाथ और उसके बाद रावण का वध किया। अंत में रावण के पुतले का दहन किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुधीर रावत ने किया। कमेटी संरक्षक अजय जायसवाल ने सभी के प्रति आभार जताया।
अहरौला : राम जानकी मंदिर से रावण का वध करने के लिए विजयदशमी मैदान के लिए राम लक्ष्मण के साथ उनकी सेना हर हर महादेव जय श्रीराम के नारे लगाते गाजे-बाजे के साथ चली विजयदशमी मैदान में रावण का पुतला दहन किया गया फिर राम की विजय रथ यात्रा पूरे कस्बे में घूमते हुए राम जानकी मंदिर पहुंची जहां पर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया मेले की व्यवस्था को संभाले हुए अहरौला थाना अध्यक्ष ब्रह्म दिन पांडेय भी अपने हम राहियो के साथ पूरे मेले में घूमते रहे -----------
कोरोना ने घटा दिया रावण का कद
फूलपुर (आजमगढ़) : सबकुछ तो ठीकठाक रहा लेकिन कोरोना ने इस बार रावण का कद घटा दिया। विजयदशमी पर 50 फीट का बनने वाला पुतला इस बार 15 फीट का ही बनाया गया। वहीं कक्षा सात के छात्र कार्तिकेय सोनी के मन में न जाने क्या आया कि अपने गुल्लक के पैसे से छह फीट का पुतला बनाकर उस पर कोरोना लिख दिया। यही नहीं उत्साह के साथ पुतले को विजयदशमी मैदान ले गया, जहां सभी ने उसके प्रयास की प्रशंशा की। उसके पुतले को रावण के बगल में लगाकर उत्साहवर्धन किया।