फसल अवशेष जलाए जाने पर 15 हजार तक अर्थदंड
आजमगढ़ : फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा विकास
आजमगढ़ : फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा विकास खंडवार कार्यशाला आयोजित की जा रही है। छठवें दिन विकास खंड अतरौलिया, मार्टीनगंज, मिर्जापुर एवं तरवां में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी दी।
ब्लाक मार्टीनगंज में मुख्य अतिथि प्रमुख ठाकुर मनोज ¨सह व भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद ¨सह ने कहा कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन में आधुनिक यंत्रों का उपयोग कर योजनाओं का लाभ लें। भूमि संरक्षण अधिकारी संगम ¨सह मौर्य ने बताया कि माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा फसल अवशेष जलाए जाने पर अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। अवशेष जलाते हुए पाए जाने पर 2500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक दंड का प्रावधान किया गया है। कहा कि जिन किसानों ने सोलर पंप के लिए बैंक ड्राफ्ट समय से जमा नहीं कर पाए हैं। उन्हें अक्टूबर में अनुदानित दर पर सोलर पंप प्राप्त करने का पुन: अवसर दिया जाएगा। ऐसे किसान किसान अंश की धनराशि की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के कार्यक्रम समन्वयक डा. आरके ¨सह ने धान, तिल व अरहर की फसलों में लगने वाले कीट एवं बीमारियों के बचाव की जानकारी दी। वैज्ञानिक डा. अखिलेश यादव, बीडीओ प्रमोद कुमार ¨सह,भाजपा मंडल अध्यक्ष विनीत जायसवाल, सुशील कुमार ¨सह, ज्योति प्रसाद ¨सह थे। विकास खंड अतरौलिया में कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन जयप्रकाश पांडेय ने की। कृषि विशेषज्ञ लाल बहादुर ¨सह, राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन के सलाहकार डा. रामकेवल यादव, डा. रसूल मोहम्मद ने विविध जानकारी दी।
मिर्जापुर में जिला कृषि अधिकारी डा. उमेश कुमार गुप्ता, कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आरपी ¨सह, तरवां में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. आरके आनंद व विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. हरिनाथ यादव ने विभागीय योजनाओं के साथ कृषि उत्पादन बढ़ाने की तकनीकी ¨बदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। प्रत्येक विकास खंड मुख्यालय पर आयोजित कार्यशाला में 200 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग कर विभाग की योजनाओं का लाभ लिया।