मियाद पूरी, बेसहारा पशुओं को आसरा की तलाश अधूरी
आजमगढ़: अजब हाल है जिला प्रशासन का। शासन द्वारा निर्धारित मियाद यानी 10 जनवरी पूरी हो गई लेकिन अभी जमीन की तलाश कर गोशाला स्थापना के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। संबंधित एसडीएम को पशुचर की भूमि चिह्नित कर खाली कराने एवं चहारदीवारी बनाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उधर, सड़कों पर विचरण कर रहे गिनती के बेसहारा पशुओं को पकड़कर पिछले तीन दिन के अंदर पंजीकृत गोशालाओं में सुरक्षित किया गया।
आजमगढ़ : अजब हाल है जिला प्रशासन का। शासन द्वारा निर्धारित मियाद यानी 10 जनवरी पूरी हो गई, लेकिन अभी जमीन तलाश कर गोशाला स्थापना को प्रस्ताव बनाया जा रहा है। संबंधित एसडीएम को पशुचर की भूमि चिह्नित कर खाली कराने एवं चहारदीवारी बनाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उधर, सड़कों पर विचरण कर रहे गिनती के बेसहारा पशुओं को पकड़कर पिछले तीन दिन के अंदर पंजीकृत गोशालाओं में सुरक्षित किया गया।
बेसहारा पशुओं को सुरक्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने चार माह पूर्व सितंबर में ही प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि कान्हा गोशाला एवं पशु आश्रय गृह योजना के अंतर्गत पशु आश्रय गृह एवं शेल्टर होम की स्थापना के लिए एक सप्ताह के अंदर कार्ययोजना भेजी जाए। बावजूद इसके इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अब जब पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से बेसहारा पशुओं को सुरक्षित करने के लिए गोशाला व पशु आश्रय गृह स्थापना करने के लिए सख्ती की तो अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई। आननफानन तमौली, मुबारकपुर और निजामाबाद में जमीन की तलाश कर प्रस्ताव बनाने का कार्य शुरू हो गया। ब्लाक स्तर पर भी ग्राम पंचायतों में चरागाह की भूमि पर अस्थाई पशु आश्रय गृह बनाने को निर्देशित किया गया। बावजूद इसके अभी तक किसी भी गांव में अस्थाई पशु आश्रय गृह बनाने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। हां, जिले की पंजीकृत और सक्रिय पांच गोशालाओं में बेसहारा पशुओं को चिह्नित कर बेसहारा पशुओं को भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पंजीकृत मात्र पांच ही सक्रिय गोशालाएं
-जय बजरंग गोशाला, कौड़िया, मिर्जापुर।
-मोती लाल गोशाला समिति, आजमगढ़।
-श्रीकृष्ण गोशाला, पहाड़पुर, शहरी क्षेत्र।
-श्रीकृष्ण गोसेवा ट्रस्ट, शिवराजपुर।
-माता फूलमती देवी गोशाला, कबूतरा, मठिया। ''बेसहारा पशुओं को सुरक्षित करने के लिए जमीन तलाश ली गई है। पैमाइश के बाद उस पर शेड आदि निर्माण के निर्देश दे दिए गए हैं। अन्य कई नगर निकायों व गांवों में भूमि चिह्नित कर ली गई है। सब पर चहारदीवारी बनाकर अस्थाई पशु आश्रय गृह स्थापना के निर्देश दिए जा चुके हैं। सड़कों पर विचरण कर रहे बेसहारा पशुओं को पकड़कर पंजीकृत गोशालाओं में भेजा जा रहा है। ग्राम पंचायत स्तर पर चारागाह की भूमि पर अस्थाई पशु आश्रय गृह भी जल्द बनने लगेंगे।''
-नरेंद्र ¨सह, अपर जिलाधिकारी, प्रशासन।