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एक साथ हो सकते हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन की गहमागहमी शुरू हो जाएगी। शासन स्तर पर पंचायती राज विभाग निदेशक पंचायती राज और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ पहले दौर की बातचीत के बाद जिले में भी प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ कराया जाएगा। इससे चुनाव पर आने वाला खर्च लगभग आधा हो जाएगा।इधर जिले में मतदाता पुनरीक्षण सहित चुनाव संबंधी अन्य कार्य जनवरी व फरवरी से शुरू हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:51 PM (IST)
एक साथ हो सकते हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
एक साथ हो सकते हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन की गहमागहमी शुरू हो जाएगी। शासन स्तर पर पंचायती राज विभाग, निदेशक पंचायती राज और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ पहले दौर की बातचीत के बाद जिले में भी प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य का चुनाव एक साथ कराया जाएगा। इससे चुनाव पर आने वाला खर्च लगभग आधा हो जाएगा। इधर, जिले में मतदाता पुनरीक्षण सहित चुनाव संबंधी अन्य कार्य जनवरी व फरवरी से शुरू हो जाएगा।

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प्रदेश में अगले वर्ष 2020 में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं। चुनावी तैयारी में लगभग एक वर्ष का समय लग जाता है। राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक में पंचायती राज निदेशक को पंचायतों के परिसीमन, नवगठन, पुनर्गठन की आवश्यकता का आकलन कर प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद प्रत्येक स्तर पर निर्वाचन के लिए सीटों के आरक्षण का प्रस्ताव तैयार कर कार्रवाई कराई जाएगी। त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन जून 2020 से लेकर नवंबर 2020 के पूर्व संपन्न कराने की योजना पर विचार किया गया है। 2015 में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान व सदस्यों के चुनाव पर चार करोड़, 85 लाख, 56 हजार, 511 रुपये खर्च हुए थे। लगभग इतनी ही धनराशि जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के चुनाव पर भी खर्च हुआ था। यदि एक साथ चुनाव हुए तो खर्च की धनराशि लगभग आधी हो जाएगी। 2015 में ये थी स्थिति

-1871 ग्राम पंचायत।

-2134 क्षेत्र पंचायत।

-20 हजार ग्राम पंचायत सदस्य।

-86 जिला पंचायत सदस्य।

-34,34,616 कुल मतदाता।

-2054 कुल मतदान केंद्र।

-5877 कुल मतदेय स्थल।

-दो फीसद प्रति वर्ष आबादी बढ़ने का औसत।

-10 फीसद पांच वर्ष में आबादी बढ़ने का औसत।

-13 वर्ष से 18 वर्ष तक के बढ़ेंगे नए मतदाता।

-15 से 20 फीसद वोटरों में वृद्धि की संभावना। ''पंचायती राज निदेशक व राज्य निर्वाचन आयोग की हुई बैठक के बाद अगले वर्ष में त्रिस्तरीय सामान्य पंचायत चुनाव कराने की तैयारी पर चर्चा हुई है। यह भी चर्चा है कि खर्च को कम करने लिए राज्य निर्वाचन आयोग ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत का चुनाव एक साथ ही करा सकता है। इससे चुनाव खर्च की धनराशि लगभग आधी हो जाएगी। मतदाता पुनरीक्षण का कार्य जनवरी व फरवरी से शुरू हो जाएगा।

-आरके सिंह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत व नगरीय निकाय।


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