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सात फीट जमीन में मिला तीन क्विंटल का इंजन

जागरण संवाददाता संजरपुर (आजमगढ़) तीन क्विंटल का इंजन सात फीट जमीन में जा धंसा तो मलबा लगभ

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:06 AM (IST)
सात फीट जमीन में मिला 
तीन क्विंटल का इंजन
सात फीट जमीन में मिला तीन क्विंटल का इंजन

जागरण संवाददाता, संजरपुर (आजमगढ़) : तीन क्विंटल का इंजन सात फीट जमीन में जा धंसा तो मलबा लगभग पांच सौ मीटर दूर से समेटा गया। यह मंजर देख विमान हादसे की जांच को पहुंचे विशेषज्ञों की टीम भी चकरा गई। उन्होंने उम्मीद जताई कि इंजन तीन फीट जमीन में धंसा होगा, जबकि उम्मीद से चार फीट और अंदर पड़ा मिला। विशेषज्ञ किसी सवाल का जवाब सिर्फ यह कहकर देते रहे कि उनके उच्चाधिकारी ही बताएंगे। लेकिन उनके चेहरे का भाव यह दर्शा रहा था कि हादसा बहुत भयानक था। बारिश न हो रही होती तो विमान आग के गोले में तब्दील होने पर अधिक नुकसान होता। सोमवार को विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो ग्रामीणों ने उसे अपने-अपने तरीके से बताया था। किसी ने कहा कि विमान हवा में गोते लगा रहा था, कोई बोला तेज आवाज से वह र्थरा उठा। लेकिन मंगलवार को विशेषज्ञों की टीम पहुंची तो उनके साथ ग्रामीणों की भीड़ पूरे दिन जुटी रही। हालांकि पुलिसकर्मी उन्हें बार-बार हटा रहे थे। विशेषज्ञ टीम के लोग पहले हादसा स्थल के चारो तरफ घूमे तो एक संरक्षा उपकरण पांच सौ मीटर दूर जाने पर बरामद हुआ। उसके बाद उतनी ही एरिया में विशेषज्ञों ने अपनी नजरें दौड़ाई। ग्रामीण भी अपनी निगाहों से देख रहे थे कि कुछ छूट रहा हो तो उनकी निगाहें उसे पकड़ लें। विशेषज्ञों ने विमान का इंजन बरामद करने को तीन फीट खोदाई कराने की बात कही तो ग्राम प्रधान ने आधा दर्जन मनरेगा मजदूर लगा दिए। मजदूर तीन फीट खोदोई किए तो कुछ भी नजर नहीं आया। विशेषज्ञ चकराए लेकिन उनकी गणित इंजन बरामदी को लेकर सटीक थी। लिहाजा जेसीबी बुलाई गई तो चार फीट और खोदाई हुई तो तकरीबन तीन क्विंटल का इंजन बरामद हुआ, जिसे निकालने में लोगों को पसीने छूट गए। ग्रामीण देखे तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। इस बात को सोंच कांप रहे थे कि किसी के घर पर विमान गिरता तो क्या होता। उनकी निगाहें जिसकी कल्पना नहीं कर पाईं थी उस वेग में विमान में हवा में गोते लगा रहा था। ----------------------- पॉयलट के टूट गए थे दोनों कूल्हे जागरण संवाददाता, संजरपुर (आजमगढ़): यूं तो विमान के पॉयलट कोणार्क शरन की मौत के लिए सिर में गंभीर चोट लगाना ही वजह बताई जा रही है। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं था, जो गंभीर चोटिल न हुआ हो। दो कूल्हे टूटने के साथ ही सिर, पेट, पीठ में गंभीर जख्म की बात रिपोर्ट में सामने आई है। आधी रात में परिजन पहुंचे तो शव साथ ले गए। ----------------------- तीन दशक पुराना था विमान जागरण संवाददाता, संजरपुर (आजमगढ़): सरायमीर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त विमान तीन दशक पुराना था। यह जानकारी जांच को आए विशेषज्ञों की टीम में शामिल रहे एक व्यक्ति ने दी। हालांकि, विमान के मलबे की चमक व इंजन को देखने से उम्र का पता नहीं चल रहा था।

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